उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
नैनीझील में लगभग 312 नावें चलती हैं, जिनमें से 222 रोइंग बोट और 90 पैडल बोट हैं. इन नावों को नाविकों ने अपने प्रियजनों के नाम पर रखा है, जिससे हर नाव एक परिवार का हिस्सा बन गई है।
हाइलाइट्स
नैनीझील में लगभग 312 नावें चलती हैं
इन नावों को नाविकों ने अपने प्रियजनों के नाम पर रखा है
हर नाव एक परिवार का हिस्सा है.
नैनीताल: उत्तराखंड की खूबसूरत सरोवर नगरी नैनीताल अपनी नैनीझील के लिए खास तौर पर प्रसिद्ध है. यहां आने वाले पर्यटक झील में नौकायन किए बिना लौटना शायद ही पसंद करें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नैनीझील में चलने वाली नावें सिर्फ सफर का जरिया नहीं, बल्कि हर नाव के पीछे एक दिलचस्प और भावनात्मक कहानी छुपी होती है?
क्या है नावों की कहानी
नैनीझील में लगभग 312 नावें चलती हैं, जिनमें से 222 रोइंग बोट और 90 पैडल बोट हैं. इन नावों को नाविकों ने अपने प्रियजनों के नाम पर रखा है, जिससे हर नाव एक परिवार का हिस्सा बन गई है. नाव चालक समिति के अध्यक्ष राम सिंह बताते हैं कि नावों के नाम अक्सर उनके बच्चों, बहनों, भाइयों या परिवार के किसी खास सदस्य के नाम पर रखे जाते हैं. जैसे ‘सलोनी डीलक्स’, ‘पूजा डीलक्स’, ‘नैनीताल की रानी’, ‘राजू डीलक्स’ इत्यादि।पर्यटक भी होते हैं आकर्षित ,इन नावों के मेंटनेंस का भी खास ध्यान रखा जाता है. लकड़ी की बनी ये चप्पू नावें रंग-बिरंगे रंगों से सजी होती हैं, जिनमें आरामदायक गद्दीनुमा सीटें लगी होती हैं. इससे नाव में बैठना पर्यटकों के लिए बेहद सुखद अनुभव बन जाता है. नौकायन करते हुए पर्यटक इन नावों के अनोखे नामों को देखकर उत्साहित हो उठते हैं और अक्सर इन नावों के साथ फोटो क्लिक कराते हैं. दिल्ली से नैनीताल पहुंची पर्यटक पूजा बताती हैं कि उन्हें यहां की नावों के इन नामों ने काफी आश्चर्यचकित किया, उन्हें इस तरह नावों का नाम देखकर काफी अच्छा लगा।परिवार का हिस्सा हैं नावें ,नावचालक राम सिंह कहते हैं कि हमारी नाव हमारे परिवार का हिस्सा है. नाव से ही हमारी आजीविका चलती है और पूरा परिवार चलता है. इसलिए, नाव की देखभाल और सजावट में हम कोई कमी नहीं रखते. इस जुड़ाव के कारण नौकायन का अनुभव और भी खास बन जाता है. जहां तक टिकट की बात है, रोइंग बोट की कीमत पूरे झील के लिए 420 रुपये और आधे झील के लिए 320 रुपये रखी गई है. वहीं 4 सीटर पैडल बोट का किराया प्रति घंटा 420 रुपये और 2 सीटर पैडल बोट का 320 रुपये प्रति घंटा है।जरूर जानें नाम के पीछे की कहानी,नैनीताल की यह नाव संस्कृति न केवल पर्यटन को बढ़ावा देती है, बल्कि स्थानीय नाविकों की मेहनत, भावना और परिवार के प्रति उनके लगाव को भी दर्शाती है. इसलिए जब भी आप नैनीताल आएं, तो सिर्फ नौकायन का आनंद ही न लें, बल्कि जिस नाव में नौकायन करें उस नाव के नाम और उससे जुड़ी कहानियों को जानकर अपने अनुभव को और यादगार बनाएं।
