उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
गत वर्ष पेड़ गिरने से हुई थी एक महिला की मौत
बड़कोट। यमुनोत्री हाईवे के चौड़ीकरण के कारण सड़क के किनारे पहाड़ी पर झूलते औ जर्जर पेड़ हादसों को न्योता दे रहे हैं। वन विभाग की ओर से छपान के बाद भी इनके कटान के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। जबकि गत वर्ष बरसात के दौरान जर्जर पेड़ टूटने से भी यात्रा के दौरान घटनाएं हो चुकी हैं। यमुनोत्री हाईवे पर दोबाटा, छटांगा से खरादी कस्बे में होटल, ढाबों और कस्बों के ऊपर जर्जर चीड़ के पेड़ों से खतरा बना है। गत वर्ष खरादी में आंधी-तूफान के दौरान वहां एक होटल के ऊपर गिरे एक पेड़ की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई थी। गत दिनों निर्माणाधीन होटल के पास पेड़ गिरने से मजदूर बाल-बाल बचे।स्थानीय निवासी दर्मियान सिंह, शिव मोहन, ज्ञानेंद्र सिंह, खजान सिंह, जयदेव, दुर्गूलाल, नरेश आदि का कहना है कि कई बार प्रशासन व वन विभाग को लिखित व मौखिक पेड़ों को कटवाने की मांग की गई, लेकिन एक-दो पेड़ों की छपान कर इतिश्री कर दी जाती है।
अपर यमुना वन प्रभाग के डीएफओ रविंद्र सिंह पुंडीर का कहना है कि हमने काफी पेड़ों की छपान करवा दी थी और कुछ को चिह्नित कर दिया है। एक संयुक्त टीम वन विभाग,राजस्व विभाग, राजमार्ग निर्माण खंड की टीम बनाकर जान-माल के लिए खतरा बने पेड़ों को चिह्नित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
