उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
चारधाम लोकल ट्रैक्सी-ट्रैकर संचालकों में असंतोष, बाहरी राज्यों से धंधे के लिए हरिद्वार-ऋषिकेश में डेरा डालने वालों पर कार्रवाई की मांगदेहरादून: उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा 2025 का आगाज हो चुका है, लेकिन यात्रा पर जाने वाले पैसेंजर गाड़ियों को लेकर बवाल हो रहा है. स्थानीय लोगों ने बाहर से कमाई के लिए ऋषिकेश या हरिद्वार में गलत तरीके से डेरा डालने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है तो वहीं आरटीओ भी लगातार व्यवस्थाओं को पटरी में लाने की कोशिश में नजर आ रहा है.हाल ही में हरिद्वार के स्थानीय टूर ऑपरेटर और टैक्सी संचालकों ने हरिद्वार एआरटीओ ऑफिस के पास ग्रीन कार्ड बनाने के लिए आए बाहरी राज्यों के टैक्सी संचालकों के साथ कुछ कहा-सुनी हुई. जिसका वीडियो भी सामने आया. वीडियो में आरोप लगाया गया कि बाहर से आने वाले टैक्सी संचालकों के साथ अभद्रता की जा रही है, लेकिन जब मामले की तहकीकात की गई तो मामला कुछ इस तरह से निकला!दरअसल, चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था के लिए एक रीढ़ के समान काम करती है तो वहीं साल के कुछ महीनों चलने वाली चारधाम यात्रा के भरोसे उत्तराखंड के कई सेक्टर के लोग निर्भर रहते हैं. इन्हीं में से एक ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी है, जो कि यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. उत्तराखंड में स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के कई संगठन बने हुए हैं, जो कि पैसेंजर प्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए एकजुट होकर काम करते हैं!दरअसल, चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिक व्यवस्था के लिए एक रीढ़ के समान काम करती है तो वहीं साल के कुछ महीनों चलने वाली चारधाम यात्रा के भरोसे उत्तराखंड के कई सेक्टर के लोग निर्भर रहते हैं. इन्हीं में से एक ट्रांसपोर्ट सेक्टर भी है, जो कि यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करते हैं. उत्तराखंड में स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के कई संगठन बने हुए हैं, जो कि पैसेंजर प्रणाली को व्यवस्थित करने के लिए एकजुट होकर काम करते हैं!स्थानीय टूर ऑपरेटर और टैक्सी संचालकों ने रखी पीड़ा:उन्होंने कहा कि हम लोग पूरे 6 महीने से ज्यादा इस यात्रा का इंतजार करते हैं. ताकि, हमारा घर परिवार चल सके, लेकिन इस तरह से हमारे अधिकारों के साथ कुठाराघात किया जाएगा तो हम कहां जाएंगे? वहीं, इसके अलावा सरकार की ओर से कई अलग-अलग मदों में कुछ टैक्स भी बढ़ाए गए हैं, वो भी टैक्सी संचालकों के ऊपर अतिरिक्त भार है!वहीं, इसके अलावा ऋषिकेश ट्रैक्टर कमांडर सूमो संगठन के अध्यक्ष हरीश सिंह रावत ने बताया कि जैसे ही चारधाम यात्रा शुरू होती है, वैसे ही हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि महाराष्ट्र के भी तमाम टैक्सी संचालक ऋषिकेश एवं हरिद्वार में अपना डेरा डाल देते हैं. हाल ही में हरिद्वार में स्थानीय टैक्सी यूनियन के लोगों ने देहरादून आरटीओ ऑफिस में ग्रीन कार्ड बना रहे बाहर के कुछ वाहन संचालकों को डराने का भी काम किया. इस तरह से यहां पर उनका धंधा खराब न करने की धमकी भी दी.उधर, स्थानीय टैक्सी संचालकों ने भी एक और वीडियो रिलीज की. जिसमें देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में प्रदेश के बाहर से हरिद्वार और ऋषिकेश की सड़कों पर वाहन खड़े हैं. बताया जा रहा है कि ऋषिकेश और हरिद्वार चारधाम यात्रा के समय एक बड़ा हब बन जाता है, जहां से यात्री मिलने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं, लेकिन स्थानीय टैक्सी संचालकों का कहना है कि हरिद्वार और ऋषिकेश में मिलने वाले यात्रियों पर पहले स्थानीय टैक्सी संचालकों का अधिकार है. जिस वजह से इन दोनों उत्तराखंड के तमाम टैक्सी यूनियन और शासन प्रशासन में तनाव का माहौल है!
