उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून की ‘रोज स्वीट शॉप’ के पकौड़े और समोसे मशहूर हैं. 1952 में शुरू हुई इस दुकान का इतिहास आज़ादी से जुड़ा है. बृजपाल सिंह सेठी के पूर्वज रावलपिंडी से आए थे।
देहरादून की रोज स्वीट शॉप के पकौड़े मशहूर हैं.
1952 में बृजपाल सिंह सेठी के पूर्वजों ने दुकान शुरू की.
मिक्स पकौड़े 30 रुपये प्रति 100 ग्राम की दर से मिलते हैं.
देहरादून: शुभह के नाश्ते में चाय और पकौड़े का स्वाद किसे नहीं पसंद और अगर जायका लाजवाब हो, तो मज़ा ही कुछ और होता है. देहरादून के लोग सुबह की चाय हो या ऑफिस के स्ट्रेस को दूर करने वाली शाम- हर वक्त स्वाद के खास अड्डों का रुख करना पसंद करते हैं। शहर की ढाक पट्टी में मौजूद ‘रोज स्वीट शॉप’ उन्हीं अड्डों में से एक है, जहां के पकौड़े और समोसे लोगों के दिलों पर राज करते हैं. खास बात ये है कि इस दुकान का इतिहास आज़ादी से भी जुड़ा हुआ है।देहरादून में पाई पहचान
दुकान के मालिक बृजपाल सिंह सेठी बताते हैं कि उनके पूर्वज पाकिस्तान के रावलपिंडी से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता साल 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय देहरादून आकर बस गए थे. जीविका चलाने के लिए उन्होंने 1952 में ढाक पट्टी में एक छोटी सी चाय की दुकान शुरू की. वहां चाय और पकौड़े परोसे जाते थे. धीरे-धीरे मिठाइयों और खाने की भी शुरुआत हुई और दुकान की लोकप्रियता बढ़ती चली गई।बृजपाल बताते हैं कि वो महज 13 साल की उम्र में अपने पिता के साथ दुकान पर काम करने लगे थे. उन्होंने अपने पिता से पकौड़ों का खास स्वाद और मसालों की रेसिपी सीखी और उनके निधन के बाद भी उस स्वाद को बरकरार रखा. अब बृजपाल खुद काम नहीं करते, लेकिन उनके अनुभवी कारीगर उसी स्वाद को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
