उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
अभी 28 फरवरी को माणा हिमस्खलन के हादसे के दर्द से उभरे भी नहीं थे। कि आज बुधवार को सुबह 10.15 पर गोविंद घाट में पुलना हेमकुंड और फूलों की घाटी के लिए सम्पर्क का मात्र साधन गोविंद घाट स्थित पुल टूट गया। पहाडी से अचानक बडे़ बड़े बोल्डर आने और चट्टान टूट कर पुल को तोड़ गयी। 25 मई से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होगी। साथ ही मई महीने से ही विश्व प्रसिद्ध और विश्व धरोहर फूलों की घाटी भी पर्यटकों के दीदार के लिए खुलेगी।फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब यात्रा पथ के प्रसिद्ध भ्यूंडार पुलना के 110 परिवार के 350 की ग्रामीण आबादी पुलना भ्यूंडार में रहती है। गोविंद घाट हेमकुंड पुलना पुल टूट जाने से ग्रामीणों के लिए परेशानी की स्थिति उत्पन्न करेगा। प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील उच्च हिमालयी क्षेत्र में रहने वालों के लिए जहाँ हर पल जीना चुनौती है। वहीं आपदा और घटनाऐं बताती हैं कि हिमालयी क्षेत्र की स्थिति कितनी संवेदनशील और चुनौती पूर्ण है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद भी कुछ ऐसे मतिभ्रम नेता जीव हैं जो कहते हैं ” पहाड़ की बात न करें!
ऐसे जीवों के विष वमन पर क्रोध स्वाभाविक है।
पहाड़ की बात, पहाड़ का दर्द, पहाड़ की पीड़ा बतायें। तो पहाड़ विरोधी मानसिकता के रोगियों के पेट में उरमडा होने लगता है। विष वमन करने लगते हैं।
