उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ शालिनी जुगरान ने बताया कि पत्योड़ी उन लोगों को जरूर खाना चाहिए जिनमें आयरन की कमी होती है. इसका सेवन करने से खून की कमी भी नहीं होती,
पत्योड़ी उन लोगों को जरूर खाना चाहिए जिनमें आयरन की कमी होती है.
इसका सेवन करने से खून की कमी भी नहीं होती है.
अरबी के पत्तों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
देहरादून: बरसात के दिनों में कई लोग समोसे और पकौड़ी जैसे स्नैक्स खाना पसंद करते हैं. वहीं उत्तराखंड के पहाड़ों में एक अलग तरह की डिश तैयार की जाती है इसे पत्योड़ी कहा जाता है. यह सिर्फ बरसात के 3 महीने ही खाई जा सकती है, क्योंकि यह अरबी के पत्तों से तैयार की जाती है. इसे बनाने का खास तरीका होता है. पत्योड़ी को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. इसे उत्तरप्रदेश में पत्तोड़ तो उत्तराखंड में पत्योड़ी कहा जाता है।इम्यूनिटी को बनाती है मज़बूत,आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ शालिनी जुगरान ने बताया कि पत्योड़ी उन लोगों को जरूर खाना चाहिए, जिनमें आयरन की कमी होती है. इसका सेवन करने से खून की कमी भी नहीं होती है. उन्होंने बताया कि पत्योड़ी खाने से बॉडी को जरूरी पौषक तत्व मिलते हैं. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में पत्तेदार सब्जी खाना फायदेमंद है क्योंकि अरबी के पत्तों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो इम्यूनिटी को मज़बूत करती है. विटामिन सी अच्छी मात्रा में होने के चलते यह बहुत ही गुणकारी डिश बन जाती है. इसका सेवन पहाड़ों में बरसात और ठंड के मौसम में भी किया जाता है।
