उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
उत्तराखंड पुलिस को नई पहचान मिलने वाली है। अब पुलिस कर्मचारियों की मानकों के मुताबिक सर्विस होगी। इसके अलावा पुलिस को खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी।उत्तराखंड अपनी पुलिस को नई पहचान देने जा रहा है। पुलिस कर्मचारी जल्द आईएसओ सर्टिफिकेशन के साथ नजर आएंगे। इस योजना के तहत ट्रायल के तौर पर पुलिस की ट्रैफिक, फायर और मानव तस्करी निरोधक इकाई (एएचटीयू) के जवानों को प्रशिक्षित किया जाएगा।पुलिस को यह प्रशिक्षण देगा ब्रिटिश स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूशन (बीएसआई), जो आईएसओ सर्टिफिकेशन के लिए विख्यात संस्था है, ताकि पुलिस की हर कार्रवाई में प्रोफेशनलिज्म और मानवीय संवेदना नजर आए। उत्तराखंड में इस बदलाव की शुरुआत पर्यटकों और आम नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवाएं देने के उद्देश्य से की जा रही है।दावा: आईएसओ सर्टिफिकेशन होगा गारंटी
आईएसओ सर्टिफिकेशन एक गारंटी होगी कि पुलिस की हर सेवा, चाहे वो यातायात प्रबंधन हो, आपातकालीन फायर रेस्क्यू हो या मानव तस्करी के खिलाफ जंग, वो विश्वस्तरीय मानकों पर खरी उतरेगी। पहले चरण में चुनिंदा विंग्स के कर्मचारी इस ट्रेनिंग से गुजरेंगे। धीरे-धीरे पूरी पुलिस फोर्स इस क्रांति का हिस्सा बनेगी। पुलिस मुख्यालय में इस मिशन को रफ्तार दी जा रही है।व्यवहार में सुधार, काम में आएगी गुणवत्ता ,पुलिस के व्यवहार और सेवाओं से जुड़ी शिकायतें सामने आती हैं। आम नागरिकों के साथ संवाद में असंवेदनशीलता और सर्विस स्तर की कमी जैसे मुद्दे उठते हैं। आईएसओ सर्टिफिकेशन से पुलिसकर्मियों के व्यवहार में सुधार के साथ सेवाओं को अधिक पेशेवर बनाने का प्रयास होगा।
पहले ट्रेनिंग और आकलन, फिर मिलेंगे प्रमाण-पत्र
हाल में बीएसआई के साथ उच्चस्तरीय बैठक में प्रशिक्षण और मूल्यांकन की रूपरेखा तैयार की गई। इसके फाइनल होने पर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होगा। पुलिसकर्मियों को सेवा के हर पहलू पर निपुण किया जाएगा। इसके बाद उनके काम का आकलन होगा और फिर आईएसओ सर्टिफिकेट मिलेगा।आईएसओ सर्टिफिकेट वाली पहली विंग होगी पुलिस
उत्तराखंड पुलिस के एक आईपीएस अफसर का कहना है सरकारी सेवा में आईएसओ सर्टिफिकेट लेने वाली पुलिस उत्तराखंड की पहली विंग होगी। हालांकि, पब्लिक सर्विस से जुड़े विभागों को यह सर्टिफिकेट कोर्स कराने के साथ इसके मानकों के अनुसार सेवाएं देने के निर्देश दिए गए हैं।
