उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तनाव चरम पर था। गांव में भारतीय सेना के जवान पाकिस्तानी सेना को मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे। इसी माहौल में एक छोटा बच्चा हर दिन दूध, लस्सी, ठंडा पानी और बर्फ लेकर जवानों के बीच पहुंचता रहा।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किए गए भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फिरोजपुर में तैनात सेना के जवानों को चाय, पानी, बर्फ, दूध और लस्सी जैसी चीजें पहुंचाने वाले पंजाब के श्रवण सिंह को भारतीय सेना ने सैल्यूट किया है। यही नहीं, अब भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने रिटर्न गिफ्ट देते हुए इस बहादुर बच्चे श्रवण की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी बात कही है। आज फिरोजपुर छावनी में आयोजित एक समारोह में वेस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने यह घोषणा की। इस दौरान उन्होंने नन्हे श्रवण को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा श्रवण कि यह कहानी देश में मौजूद उन मौन नायकों की याद दिलाती है, जो मान्यता और समर्थन के हकदार हैंतपती धूप और जंग के तनाव में करता रहा जवानों की मदद ,फिरोजपुर जिले के ममदोट क्षेत्र के गांव तारा वाली गांव का रहने वाला श्रवण चौथी कक्षा में पढ़ता है। तारा वाली गांव भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से दो किलोमीटर की दूर है। मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इलाके में तनाव चरम पर था ही, गर्मी भी भीषण पड़ रही थी। गांव में भारतीय सेना के जवान पाकिस्तानी सेना को मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे। इसी माहौल में एक छोटा बच्चा श्रवण सिंह हर दिन अपने छोटे हाथों में दूध, लस्सी, ठंडा पानी और बर्फ लेकर जवानों के बीच पहुंचता रहा। कक्षा 4 में पढ़ने वाला श्रवण बिना किसी के कहे अपनी मर्जी से सैनिकों के लिए यह सब कर रहा था। तनावपूर्ण हालातों और गोलियों की गूंज के बावजूद उसका साहस और समर्पण डगमगाया नहीं। उसके पिता सोना सिंह ने बताया कि पहले दिन से ही श्रवण जवानों की मदद करने लगा। हमने उसे रोका नहीं, बल्कि उसका उत्साह बढ़ाया।बड़ा होकर फौजी बनने का सपना,
श्रवण सिंह का सपना बड़ा होकर सेना में शामिल होने का है। मई माह में सेना के 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल रणजीत सिंह मानराल ने खुद उसे सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया था। इस दौरान उसे उसकी फेवरेट आईसक्रीम भी खिलाई गई। तब श्रवण ने कहा था कि मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं। मैं देश की सेवा करना चाहता हूं। उनके पिता सोना सिंह ने कहा था कि हमें अपने बेटे पर गर्व है।
