उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
उत्तराखंड में ग्रीन बिल्डिंग योजना की शुरुआत कब हुई और कहां तक पहुंची? अब कहां आ रही अड़चनें? ईटीवी भारत पर पूरी खबर पढ़िए।रोहित कुमार सोनी, देहरादून:उत्तराखंड की पहली ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य एक बार फिर अधर में लटका नजर आ रहा है. जहां एक ओर प्लांट में लगे मिक्सर मशीन को सील कर दिया गया है तो वहीं दूसरी ओर आसपास रह रहे लोगों ने भी सवाल उठने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में अक्टूबर 2025 तक ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण पूरे होने पर प्रश्न चिन्ह लगते दिखाई दे रहे हैं. इसके पीछे की वजह बताते हैं।देहरादून में बनाया जा रहा है इंटीग्रेटेड ग्रीन बिल्डिंग:दरअसल, देहरादून में उत्तराखंड की पहली ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है. ये एक इंटीग्रेटेड बिल्डिंग होगी. जिसमें देहरादून जिले के जिला स्तरीय कार्यालय शिफ्ट होंगे. इस बिल्डिंग की खास बात ये होगी कि इसमें ऊर्जा और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।करीब 206 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा तैयार:बता दें कि पिछले कुछ सालों से तमाम मामलों में फंसी ग्रीन बिल्डिंग का सही ढंग से निर्माण कार्य मई 2024 में शुरू हुई थी. तब से एक साल का वक्त बीत जाने के बाद भी ग्रीन बिल्डिंग के बेसमेंट का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. जबकि, करीब 206 करोड़ रुपए के लागत की इस परियोजना को अक्टूबर 2025 तक पूरा किया जाना है.
7 मंजिले ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण पर मौसम लगा सकता है ब्रेक:उत्तराखंड में अगले एक महीने के भीतर मानसून दस्तक दे देगी, ऐसे में मानसून सीजन के दौरान ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण कार्य के प्रभावित होने की पूरी संभावना है. जिसके चलते अक्टूबर 2025 तक 7 मंजिला ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य के पूरा होने पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है।इसी बिल्डिंग में शिफ्ट होंगे देहरादून जिले के सभी जिला स्तरीय कार्यालय:राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार ग्रीन बिल्डिंग परियोजना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. क्योंकि, इस ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद देहरादून जिले के सभी जिला स्तरीय कार्यालय को इसी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया जाएगा।कार्यदायी संस्था को डीएम लगा चुके फटकार:ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण कर रही कंपनी की सुस्त गति को लेकर जिलाधिकारी पहले भी संबंधित कंपनी को फटकार लगा चुके हैं. देहरादून डीएम सविन बंसल को दून स्मार्ट सिटी का अतिरिक्त चार्ज मिलने के बाद से अभी तक दो बार ग्रीन बिल्डिंग परियोजना की समीक्षा बैठक कर चुके हैं।विधायक खजान दास भी अधिकारियों को फटकार चुके:बैठक के दौरान कार्यदायी संस्था की सुस्त गति को लेकर फटकार भी लगा चुके हैं. बावजूद इसके ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण कार्य में कुछ खास तेजी देखने को नहीं मिल रही है. हाल ही में स्थानीय विधायक खजान दास ने भी निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग का निरीक्षण किया था. उस दौरान भी उन्होंने निर्माण कंपनी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी।स्थानीय पार्षद लगा चुके गंभीर आरोप:महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार ग्रीन बिल्डिंग परियोजना के तहत किया जा रहे निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखने का आरोप भी स्थानीय जनप्रतिनिधि लग रहे हैं. स्थानीय पार्षद समेत स्थानीय लोगों ने हाल ही में देहरादून डीएम से मुलाकात कर अवैध रूप से भारी मशीनों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में बेसमेंट की खुदाई से लेकर अन्य कार्यों में भारी मशीनों का प्रयोग सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है. कंक्रीट मिक्सर प्लांट संचालित करने की वजह से ध्वनि और वायु प्रदूषण भी हो रहा है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.”-रोहन चंदेल, स्थानीय पार्षदपार्षद रोहन चंदेल ने कहा कि ‘भले ही वर्तमान समय में कंक्रीट मिक्सर प्लांट को सील कर दिया गया है, लेकिन बेसमेंट की खुदाई में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखा जा रहा है. जिसकी वजह से आसपास के आसपास रह रहे लोगों में डर का माहौल है. क्योंकि, पहले भी सुरक्षा दीवार ढहने की वजह से स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाए थे.’इसके अलावा तमाम स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहे कंक्रीट मिक्सर प्लांट की वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि, इससे न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. बल्कि, वायु प्रदूषण भी हो रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि भले ही कंक्रीट मिक्सर प्लांट कुछ दिनों पहले बंद कर दिया गया हो, लेकिन प्लांट में रात भर काम चलता है. जिसके चलते काफी ज्यादा शोर होता है. साथ ही असुरक्षा भी महसूस होती है.”हमारी गली में रात भर मजदूरों का आना-जाना लगा रहता है और नीचे रह रहे घरों में कुछ समय पहले चोरियां भी हुई है. जिसको देखते हुए उन्होंने स्थानीय पार्षद के साथ मुलाकात कर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा था, लेकिन उस पर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.”-स्थानीय निवासी वहीं, इस पूरे मामले पर राजपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक खजान दास ने कहा कि ‘राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में ग्रीन बिल्डिंग परियोजना शुमार है. जिसका कार्य सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा गया था, लेकिन उनके ठेकेदार इस काम को गति नहीं दे पा रहे हैं. जिसके चलते वो खुद भी कई बार स्थलीय निरीक्षण करने जा चुके हैं.'”सीपीडब्ल्यूडी विभाग और उनके ठेकेदारों को इस बाबत हिदायत दी गई है कि तय समय के भीतर ग्रीन बिल्डिंग को तैयार करें, लेकिन ठेकेदार अभी भी बेसमेंट का ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा आसपास मौजूद भवनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी निर्माण कार्यों में सुरक्षात्मक कार्य नहीं किए हैं. ऐसे में कार्यदाई संस्था को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि आसपास रह रहे लोगों को कोई नुकसान ना हो, इसके लिए सुरक्षात्मक कार्य किए जाएं”- खजान दास, बीजेपी विधायक, राजपुर विधायक दास ने कहा कि ‘अगले एक महीने के भीतर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वो इस मामले पर बातचीत कर उनके स्थलीय निरीक्षण का अनुरोध करेंगे.’ साथ ही कहा कि ‘कंक्रीट मिक्सर प्लांट की वजह से ध्वनि और वायु प्रदूषण हो रहा है. जिसके चलते कार्यदाई संस्था को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि कंक्रीट मिक्सर प्लांट को कहीं और शिफ्ट किया जाए. हालांकि, इस बिल्डिंग में दो बेसमेंट की जरूरत है. क्योंकि, विभागीय वाहनों की पार्किंग वहीं पर होगी।
