उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
बदरीनाथ धाम में रावल निवास भवन कई दशकों से बदरीनाथ मंदिर परिसर के रूप में उपयोग में लाया जाता है। इसी छत पर सैकड़ों श्रद्धालु खड़े होकर मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हैं। मगर अनदेखी के कारण रावल निवास जीर्णशीर्ण होने लगा है।भगवान नारायण के दर्शनों के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं। श्रद्धालु बदरीनाथ मंदिर के ठीक सामने रावल निवास भवन की छत पर खड़े होकर मंदिर और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हैं और फोटो भी खिंचवाते हैं। मगर अब रावल निवास भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया है।भवन की दीवारों पर दरारें आ गई हैं। मास्टर प्लान के तहत भवन के आसपास के भवन व अन्य निर्माण को हटा दिया गया है जिससे इसकी सुरक्षा बेहद जरूरी हो गई है। बदरीनाथ धाम में रावल निवास भवन कई दशकों से बदरीनाथ मंदिर परिसर के रूप में उपयोग में लाया जाता है। इसी छत पर सैकड़ों श्रद्धालु खड़े होकर मंदिर और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हैं। मगर अनदेखी के कारण रावल निवास जीर्णशीर्ण होने लगा है।रावल निवास के कक्षों में भी दरारें पड़ने लगी हैं। मास्टर प्लान के तहत इसका नवनिर्माण होना है लेकिन यह अभी तक नहीं हुआ है। जबकि इस भवन के आसपास बने पुराने भवन और निर्माण कार्य को हटा दिया गया है, इसी भवन की छत पर खड़े होकर श्रद्धालु फोटो खिंचवाते हैं जिससे यहां हमेशा खतरा बना हुआ है। तीर्थपुरोहित संगठन के अध्यक्ष जमुना प्रसाद रैवानी का कहना है कि रावल निवास का जीर्णोद्धार होना चाहिए। इधर, जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि बदरीनाथ मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
