उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन नहीं करने पर कोर्ट ने व्यक्त की नाराजगी, पंचायतीराज निदेशक को जारी किये निर्देशनैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्लास्टिक से निर्मित कचरे पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ ने निदेशक पंचायतीराज को निर्देश दिए.जिसमें दो सप्ताह के भीतर कोर्ट के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा गया है।सुनवाई पर याचिकर्ता की तरफ से कहा गया कि अभी तक जो दिशा निर्देश कोर्ट ने राज्य सरकार को दिए थे उनका अनुपालन अभी तक नहीं हुआ है. उसका अनुपालन करवाया जाये. जिस पर कोर्ट ने निदेशक पंचायतीराज को निर्देश दिए हैं कि पूर्व के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दो सप्ताह में पेश करें. सुनवाई पर कोर्ट ने कहा नैनीताल भवाली, नैनीताल हल्द्वानी व नैनीताल कालाढूंगी की सड़कों के दोनों तरफ चिप्स रैपर व पानी की खाली बोतले बिखरी हैं. जिसकी वजह से पर्यावरण को क्षति हो रही है. इसलिए पूर्व के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट पेश करें. पूर्व में दिए गए आदेशों का पालन नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की।कोर्ट ने कहा था रोड़ों नालों, जगंलों ,निकायों में वेस्ट के ढ़ेरे के ढ़ेरे लगे हुए हैं. कर्मचारी स्वच्छता पर उदासीन हैं. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आने वाले 18 जून को प्रदेश की समस्त ज्यूडिशयरी प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलायेगी. जिसमें उच्च न्यायलय के न्यायमूर्तिगण ,कर्मचारी भी शामिल होंगे. सरकार से भी अपेक्षा की गई थी. कोर्ट ने सफाई अभियान भी चलाया।पूर्व में कोर्ट ने अर्बन डवलपमेंट को पूर्व के आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है. था साथ ही कोर्ट ने केदारनाथ यात्रा के दौरान जिस तरह प्लास्टिक की बोतलों पर रिफंडेबल क्यूआर कोड लगाया जा रहा उसी तर्ज पर मैन्युफैक्चर स्तर पर क्यूआर कोड लगाने कहा. इसको चारधाम के अलावा पूरे प्रदेश में लागू करने को भी कहा. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि जितनी भी सड़कें केंद्र सरकार के बजट से बनाई जा रही हैं उन सड़कों की ऊपरी सतह प्लास्टिक वेस्ट से बनाई जाएं. निदेशक शहरी विकास को निर्देश दिए थे कि जहां भी वेस्ट फैला है उसको युद्ध स्तर पर साफ किया जाये. कोर्ट ने केंद्र सरकार के स्वच्छतम भारत एप और उच्च न्यायलय द्वारा शिकायत वेबसाइट का व्यापक प्रचार प्रसार करने को भी कहा था. जिसमें जागरूक नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकें. सफाई कर्मचारियों की फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाये. जिन वन पंचायतों का मैप अभी अपलोड नहीं हुआ है उनका मैप अपलोड किया जाये. गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाने को भी कहा था।
