उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
पिथौरागढ़। सीमांत जिले के सरकारी अस्पतालों के साथ ही करोड़ों की लागत से खोले गए मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस अस्पताल विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहा है। बेस अस्पताल में फैकल्टी के रूप में विशेषज्ञों की तैनाती के लिए पांचवां साक्षात्कार हुआ लेकिन नतीजा अब भी शून्य ही है। साक्षात्कार में शामिल सभी विशेषज्ञों ने साफ कह दिया कि वे पहाड़ नहीं चढ़ेंगे। यदि उन्हें देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनाती मिलेेगी तो वे सेवा देने के लिए तैयार हैं।
जनपद में जिला और महिला अस्पताल को छोड़ दें तो अन्य किसी भी सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ नहीं हैं। सीमांत की छह लाख की आबादी को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के दावे कर खोले गए मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित बेस में भी फैकल्टी के तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के 194 पद रिक्त हैं। प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट इसमें शामिल हैं। इन पदों को भरने और विशेषज्ञों की तैनाती की उम्मीद में पूर्व में चार बार शासन स्तर पर साक्षात्कार हुए लेकिन सिर्फ डेंटल और हड्डी रोग विभाग में दो एसोसिएट प्रोफेसर ही मिल सके हैं। बीते दिनों हुए पांचवें साक्षात्कार से विशेषज्ञ मिलने की उम्मीद थी लेकिन यह भी दम तोड़ गई है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक देहरादून में हुए साक्षात्कार में 40 विशेषज्ञ शामिल हुए लेकिन सभी ने पिथौरागढ़ में तैनाती लेने में हाथ खड़े कर दिए। सभी चिकित्सकों ने देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनाती पाने के लिए सहमति जताई। इनका साफ तौर पर कहना था कि हम पहाड़ नहीं चढ़ेंगे। ऐसे में सीमांत जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की उम्मीद दम तोड़ रही है तो स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के दावे सफल नहीं हो पा रहे हैं। अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के लिए अगले महीने छठी बार साक्षात्कार किया जाएगा। संवाद कोट मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के रूप में विशेषज्ञों की तैनाती के लिए देहरादून में बीते दिनों साक्षात्कार हुआ था। इसमें शामिल विशेषज्ञों ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में तैनाती लेने से मना कर दिया और देहरादून व हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति के लिए सहमति जताई। फिर से अगले महीने साक्षात्कार होगा। उम्मीद है पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को विशेषज्ञ मिलेंगे। – डॉ. अजय आर्या, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़।
