उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
अगर आप मसूरी आये हैं तो आपने सिर्फ माल रोड कंपनी गार्डन और केंपटी फॉल ही देखा होगा, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं उन जगहों के बारे में जहां ज्यादा भीड़भाड़ नहीं होती है. क्योंकि लोगों को इनके बारे में नहीं पता होता है इसलिए लोग माल रोड और मसूरी शहर में ही घूमकर चले जाते हैं, लेकिन आप इन डेस्टिनेशन पर भी आ सकते हैं!अगर आप आप कुदरत के नजदीक रहना चाहते हैं, तो जबरखेत नेचर रिजर्व एक अच्छा ऑप्शन है. यह रिजर्व 100 एकड़ में फैला हुआ है जो पक्षियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार जगह है. यहां लेपर्ड, भालू, उदबिलाव,घुरुड़, कांकड़, सांभर, जंगली सुअर, साही, नेवला, मस्क डियर और बाज सहित कई प्रकार के जीवों औऱ सौ से ज्यादा दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की गतिविधियां आप देख सकते हैं. आपको यहां जाने के लिए माल रोड से होते हुए धनोल्टी रोड जाना होगा.यह मसूरी माल रोड से लगभग 8 किमी दूरी पर स्थित है!क्लाउड्स एंड, इसके नाम में ही इसकी विशेषता छिपी है.यह क्षेत्र मसूरी की अंतिम सीमा के रूप में देखा जाता है. यह मसूरी मुख्य शहर से करीब 7 किमी की दूरी पर स्थित है. अगर आपको सुकून से पहाड़ की शांत वादियों को देखना पसंद है तो यहां आपको पहाड़ियों और घाटियों पर बादलों के साथ शानदार सीन देखने के लिए मिलेंगे. इस सुंदर डेस्टिनेशन पर पहुँचकर आपको स्वर्ग जैसा अनुभव तो होगा ही बल्कि यहां पहुंचने के लिए आप जो सफर तय करेंगे वो भी बहुत सुंदर है. इसके रास्ते में आपको 1838 में बना क्लाउड्स एंड फॉरेस्ट रिज़ॉर्ट भी नजर आएगा, जो मसूरी की सबसे पुरानी इमारतों में से एक है. ऐसे टूरिस्ट जो एकांत में रहना चाहते हैं और शांत वातावरण की तलाश करते हैं, उनके लिए यह एक बेस्ट प्लेस है!पहाड़ों की रानी मसूरी से तकरीबन 11 किमी दूर बेनोग वाइल्ड लाइफ सेंचुरी स्थित है. इसे आप प्रकृति का एक छिपा हुआ खजाना कह सकते हैं, यहां आपको नेचर का सबसे सुखद अनुभव लेने का मौका मिलेगा. यह सेंचुरी कई तरह के पौधों और जानवरों का गढ़ है. नेचर लवर्स के साथ- साथ एनिमल लवर्स के लिए यह बेस्ट डेस्टिनेशन है!मसूरी की माल रोड को आप बखूबी जानते हैं. मुख्य बाजार से दूर एक शांत रोड है जिसका नाम कैमल बैक रोड है. इसमें आप सोचेंगे कि मसूरी में ऊंट के नाम पर सड़क क्यों है जबकि यह कोई रेगिस्तान नहीं है और न ही यहां ऊंट पाये जाते हैं? दरअसल, इस सड़क पर ऊंट के कूबड़ जैसी प्राकृतिक चट्टानें दिखाई देती है जिस इसका नाम कैमल बैक रोड कहा जाता है. कैमल बैक रोड मसूरी में यह लगभग 4 किलोमीटर लंबी एक सड़क है, जो लाइब्रेरी चौक से कुलरी बाजार तक जाती है. आप यहां ट्रेकिंग भी कर सकते हैं!अगर आप आसमान की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं और हिमालय की सुंदर पहाड़ियों का नजारा देखना चाहते हैं और ट्रैकिंग करने की शौकीन है तो आपको मसूरी के दलाई हिल जरूर आना चाहिए. लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से ही इसका रास्ता जाता है. यह हैप्पी वाली के नजदीक मौजूद है जहां से आप गढ़वाल क्षेत्र की सुंदर पर्वतमालाओं को निहार सकते हैं और यहां कई तिब्बती प्रार्थना झंडा इस छोटी की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं. आपको यहां आकर नेपाल और तिब्बत का अनुभव होने वाला है क्योंकि यहां भगवान बुद्ध की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है और यहीं पर एक बौद्ध मंदिर भी स्थित है. यह जगह सनसेट के अद्भुत नजारों के लिए बहुत मशहूर है!लाल टिब्बा, मसूरी लाइब्रेरी चौक से सिर्फ 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित है, जो उत्तराखंड की देहरादून से करीब 40 किलोमीटर दूरी पर भी है. यहाँ पहुँचने में आपको करीब डेढ़ घंटे का समय लगेगा. शाम के वक्त, ढलते हुए सूरज की रोशनी में यहां की पहाड़ी चोटी के एक हिस्से पर लाल रंग की चमक अद्भुत नजारा दर्शाती है इसीलिए ही जगह का नाम ‘लाल टिब्बा’ कहा जाता है!जब मसूरी की खूबसूरती की बात आती है तो लंढौर का नाम जरूर आता है. देवदार औऱ ओक के पेड़ों से लबालब यह हिल स्टेशन एक शांत और सुंदर वातावरण आपको देगा. यह मसूरी से कुछ ही दूरी पर स्थित है जहां आपको नेचर के बीच शांति और सुकून मिलेगा इतना ही नहीं आप यहां पिकनिक भी मना सकते हैं.यह दिल्ली से करीब 277 किलोमीटर की दूरी पर है जबकि मसूरी शहर से 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यह एक ऑफबीट प्लेस है. अंग्रेजी सेना के अफसर को यह जगह सबसे पसंद आई थी इसलिए ही इसे छावनी के रूप में विकसित किया गया था!विंटर सीजन में धनोल्टी में लोग स्नोफॉल का आनंद लेने के लिए आते हैं लेकिन अगर बात करें गर्मियों के दिनों की तो समर वेकेशन पर भी आप यहां आ सकते हैं. धनौल्टी, मसूरी से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो खूबसूरत और शांत जगहों में शुमार है. यहां आप धनोल्टी इको पार्क घूम सकते हैं, इसके अलावा आप यहां दशावतार मंदिर, सुरकंडा देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं!
