उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
यूपीईएस के स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस (CS) ने आज आर्टिफिशियन इंटेलिजेंस (AI) के लिए सेंटर ऑफ एक्सीबेंस की शुरुआत की। यह पहल इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च, शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर रिलायंस जियो के सेंटर ऑफ एक्सीलेस इन AI/ML के चीफ डेटा साइंटिस्ट डॉ. शैलेश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस सेंटर की स्थापना AI की असीम संभावनाओं और उसके व्यावहारिक, स्केलेबल उपयोग के बीच की दूरी को कम करने के उद्देश्य से की गई है। इसके मुख्य लक्ष्य हैं बुनियादी और उन्नत AI कौशल विकसित करना, प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाले शैक्षणिक टूल्स बनाना, दीर्घकालिक शोध को प्रोत्साहित करना, विभिन्न विषयों के बीच सहयोग बढ़ाना और शैक्षणिक शोध को व्यावसायिक समाधानों में बदलना। यह सेंटर शिक्षकों, छात्रों और इंडस्ट्री पार्टनर्स को AI को अपने कार्यों में सार्थक रूप से शामिल करने के लिए सक्षम बनाएगा और यूपीईएस को भविष्य के लिए तैयार संस्था के रूप में स्थापित करेगा। सेंटर पांच प्रमुख स्तंभों पर कार्य करेगा: अनुसंधान एवं विकास, प्रशिक्षण, उत्पाद निर्माण, इंटरडिसिप्लिनरी सहयोग और व्यावसायीकरण। शुरुआती चरण में यहां पाइथन, सांख्यिकी और मशीन लर्निंग के मूलभूत प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किए जाएंगे। इसके बाद कंप्यूटर विजन, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) और साइंटिफिक कंप्यूटिंग जैसे उन्नत पाठ्यक्रम जोडे जाएंगे। इसके साथ-साथ शिक्षकों और छात्रों के लिए क्विज जनरेटर और वीडियो सिंकिंग टूल जैसे AI आधारित शैक्षिक उपकरण विकसित किए जाएंगे।सेंटर का एक और उद्देश्य AI-आधारित शिक्षण उपकरण विकसित करना और हैकाथॉन, इंटरडिसिप्लिनरी मंचों और अकादमिक-उद्योग सहयोगों के माध्यम से नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह हेल्थकेयर, शिक्षा, वित्त और सामाजिक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में प्रभावशाली अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा। आने वाले समय में यह व्यावसायिक स्तर पर तैयार Al समाधान तैयार करेगा, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगा और बौद्धिक संपदा निर्माण को संभव बनाएगा। दीर्घकालिक लक्ष्य यह है कि यह सेंटर कंसल्टिंग सेवाएं प्रदान करे, विश्वविद्यालय की कार्यप्रणालियों में AI टूल्स को एकीकृत करे और यूपीईएस को AI नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाए।
मुख्य अतिथि डॉ. शैलेश कुमार ने कहा, “AI हमें अपने जीवन के हर पहलू को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर रहा है- चाहे वह रहने और सीखने का तरीका हो, खेती, उत्पाद निर्माण, खरीदारी या स्वास्थ्य की देखभाल हो। एक क्षैतिज तकनीक के रूप में, AI हर मानव प्रणाली की दक्षता बढ़ाएगा और हर मानवीय प्रयास की उत्पादकता को आगे बढ़ाएगा। ऐसे उत्कृष्टता केंद्र, जैसे कि यूपीईएस में शुरू किया गया यह केंद्र, भविष्य के नवाचारों को दिशा देंगे जो उद्योग और समाज दोनों को बदल देंगे। ये केंद्र छात्रों को AI के साथ सीखने, प्रयोग करने और नवाचार करने का अवसर देंगे, साथ ही डोमेन विशेषज्ञों, डेटा वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाकर ‘AI-प्रथम भारत’ के निर्माण में मदद करेंगे। भारत को AI से अपार लाभमिल सकता है, लेकिन ऐसे केंद्रों के ज़रिये, AI को भी भारत से उतना ही लाभ मिलेगा। इस लॉन्च के साथ, यूपीईएस AI पारिस्थितिकी तंत्र में अत्याधुनिक नवाचार, सहयोग और राष्ट्रीय प्रभाव को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है!
