उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
इन दिनों देवभूमि उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा चल रही है. चारों धामों में तप्तकुंड हैं जहां कड़ाके की सर्दी में भी गर्म पानी रहता है. सदियों से इनका विशेष महत्त्व रहा है।इन कुंडों में स्नान करना धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है. कई लोग मानते हैं कि इनके कई औषधीय गुण भी होते हैं.उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री मंदिर के पास सूर्य कुंड अपने बेहद गर्म पानी के चलते प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि यह कुंड सूर्य देव को समर्पित है और इसमें स्नान करने से यमराज की यातना से मुक्ति मिलती है. श्रद्धालु देवी यमुना को प्रसाद के रूप में चढ़ाने के लिए कपड़े की पोटली में चावल और आलू बांधकर इसी कुंड के गर्म जल में पकाते हैं. मान्यता है कि यमुनोत्री धाम आने वाले तीर्थयात्री इसमें स्नान किए बिना आगे नहीं जाते हैं. इसके पानी में गंधक अच्छी मात्रा में पाई जाती है, जिससे त्वचा रोग दूर होते हैं.वशिष्ठ कुंड और पुरुषों के लिए ब्यास कुंड. गंगनानी कुंड के पानी में भी गंधक और सल्फर अच्छी मात्रा में है. यहां स्नान करना चर्मरोग में फायदेमंद माना जाता है।अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो आप यहां स्नान कर सकते हैं. केदारनाथ धाम पैदल यात्रा की शुरुआत गौरीकुंड से ही होती है. यह केदारनाथ मंदिर से लगभग 16 किलोमीटर पहले ही पड़ता है।यहां बाबा केदार का चमत्कार ही है कि ठंडी हिमालयी जलवायु के बावजूद भी यहां एक गर्म पानी का कुंड है जिसमें हमेशा गर्म पानी निकलता ही रहता है।
