उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण सड़कें बंद हैं, जिससे चमोली जिले के डुमक गांव में एक 50 वर्षीय महिला और नौगांव में एक बुजुर्ग को डंडी-कंडी और पीठ पर लादकर 18 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल ले जाना पड़ा।पहाड़ की पीड़ा फिर उभर कर सामने आयी है। गुरुवार को चमोली जिले के सुदूर वर्ती गांव डुमक की बीमार महिला को 18 किलोमीटर पहाड़ के पथरीले रास्ते और उफनते गदेरों के बीच पैदल कर डंडी कंडी के सहारे किसी तरह ग्रामीण अस्पताल पहुंचा सके। डुमक के राजेन्द्र सिंह भंडारी ने बताया गांव की 50 वर्षीया विमला देवी की तबीयत गुरुवार को अचानक खराब हो गयी। उनकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। गांव सड़क से 18 किलोमीटर दूर है। मुश्किल की इस घड़ी में डुमक गांव के युवाओं और ग्रामीणों ने मिलकर महिला को जिला चिकित्सालय पहुंचाने का निर्णय लिया। ऐसी स्थिति में जब पूरा पहाड़ आपदा से घिरा है। ग्रामीणों ने अपने जीवन की परवाह किये बिना बीमार महिला को 18 किमी पैदल चल कर डंडी कंडी के सहारे जिला चिकित्सालय पहुंचाया। डुमक के योगम्बर सिंह, अंकित सिंह, हुकम सिंह, अनुरुद्ध सिंह ने बताया डुमक गांव व देश की आजादी के 78 सालों में भी सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों के अभाव में जी रहा है। चमोली जिले में इस समय स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है।
पीठ पर लादकर बुजुर्ग को लाए अस्पताल
नौगांव में लगातार बारिश से ग्रामीण सड़कें बंद होने से लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। बीमार लोगों को अस्पताल पंहुचाने में मुसीबतें उठानी पड़ रही है। मामला विकासखण्ड नौगांव के थोलिंका गांव का है, जहां गुरुवार को एक बुजुर्ग महिला सोबना देवी का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया। उनको प्राथमिक उपचार के लिए कफनौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने में परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। परिजनों को महिला को पीठ पर लादकर कफनौल में उपचार के लिए लाना पड़ा। ग्रामीण दीवान सिंह रावत, मालचंद व जवाहर सिंह चौहान ने बताया कि क्षेत्र में सड़कों के हालात खराब हैं। कफनौल थोलिंका मार्ग कई दिनों से बंद है। बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी हो रही है। लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता सुधीर सेमवाल ने कहा कि मोटर मार्ग पर दलदल है।
