उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. श्रद्धालुओं के जत्थे इन पवित्र तीर्थों की यात्रा के लिए निकल पड़े हैं. चारों धामों में से एक है प्रसिद्ध धाम केदारनाथ जो महादेव शिव को समर्पित है. प्रश्न उठता है कि महादेव शिव का ‘केदार’ नाम कैसे पड़ा और यह धाम केदारनाथ क्यों कहलाया? केदारनाथ धाम की एक कथा बहुत प्रचलित है, जो महाभारत से जुड़ी बताई जाती है. कथा के मुताबिक महाभारत युद्ध के बाद, सभी पांडव और महारानी द्रौपदी को हमेशा अपने परिजनों को मारने का पश्चाताप होता था. ऋषियों ने उन्हें सलाह दी कि इस दुख से मुक्ति के लिए महादेव शिव की शरण में शांति तलाशनी होगी. इस सुझाव को मानकर पांडव महादेव की खोज में वाराणसी गए, लेकिन शिव उन्हें वहां नहीं मिले. फिर वह कैलाश की ओर बढ़े, शिव वहां भी नहीं मिले. इस तरह पांडव उनके जिस भी स्थान पर जाते शिव वहां से कहीं और चले जाते।
