उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
आधी रात को बीएचईएल में घुसे जंगली हाथियों ने वन विभाग की टीम को खूब छकाया, आखिरकार 3 घंटे बाद उन्हें जंगल में भेजा गया।
हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आपने जंगली जानवरों के रिहायशी इलाके में आ जाने के बाद उनकी वीडियो तो काफी देखी होंगी. लेकिन जब वन्य जीव जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में आते हैं, तो उन्हें किस तरह से वन विभाग की टीम जंगल में दोबारा भेजती है. क्या कुछ थीम इस रेस्क्यू कार्य को करने की होती है, हरिद्वार में घुसे दो जंगली हाथी: जैसे ही कोई वन्य जीव जंगल के से निकलकर रिहायशी इलाके में आता है, तो सबसे पहले इसकी सूचना वन विभाग को फोन के माध्यम से प्राप्त होती है. जिसके बाद तुरंत मौके पर क्विक रिस्पांस टीम पहुंचती है. इसके बाद स्थिति की और जानवर से जुड़ी जानकारी आपस में अन्य टीमों को साझा करती है. इसके बाद क्विक रिस्पांस टीम, राजाजी पार्क की टीम के साथ कोऑर्डिनेट करती है. जिसके बाद वन्य जीव को जंगल की ओर भेजने की प्रक्रिया शुरू होती है, ऐसी ही प्रक्रिया बीएचईएल में घुसे दो हाथियों को जंगल की ओर भेजने के लिए अपनाई गई।हाथियो के रेस्क्यू ,
कांवड़ मेले को देखते हुए इस समय चार टीमें पूरे क्षेत्र में रात्रि के समय भ्रमण करती हैं। इसमें राजाजी की टीम हो या फिर क्विक रिस्पांस टीम या फिर सुरक्षा दल इसी के साथ भेल के कर्मचारियों की भी एक सहायता के लिए टीम बनाई गई है. इन सभी टीमों को एक साथ जोड़कर वाइल्डलाइफ मॉनिटरिंग टीम बनायी है, जो की विशेष रूप से कांवड़ मेले के लिए बनाई गई है। इस टीम का कार्य है कि जहां भी वन्य जीव की सूचना प्राप्त हो, तुरंत मौके पर पहुंचे और आसपास का क्षेत्र खाली कराए. ताकि किसी भी तरह से आमजन को कोई तकलीफ ना हो. उसके बाद अपने इक्यूपमेंटस से यह टीम हाथी हो या फिर अन्य जीव उसे जंगल में भेजने का प्रयास करती हैदो जंगली हाथी जब भेल इलाके में घुसे तो आधी रात को वहां हड़कंप मच गया. वन विभाग की रेस्क्यू टीमों ने करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद इन दोनों हाथियों को सकुशल जंगल की तरफ भेज दिया. इसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।रेंज अधिकारी ने बताई रेस्क्यू में, हरिद्वार रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती हमें आसपास का एरिया खाली कराने में रहती है. क्योंकि किसी भी वन्य जीव को देखकर लोग उसकी सेल्फी वीडियो फोटोस लेने के लिए उतारू हो जाते हैं. वह अपने घर से निकलकर उस जानवर को देखने के लिए बाहर आ जाते हैं. इससे हमें काफी दिक्कत होती है. क्राउड मैनेजमेंट इसमें काफी दिक्कत पैदा करता है, क्योंकि व्यक्तियों को देखकर जानवर मूवमेंट नहीं करता है। हर जानवर को जंगल में भेजने का तरीका अलग होता है, जैसे कि अगर हाथी की बात करें तो हाथी को बड़े ही सरल और शांतिप्रिय तरीके से जंगल की ओर भेजा जाता है. ज्यादा किसी इक्विपमेंट्स का उपयोग करके हाथी अपने स्थल से हिलता नहीं है. इसलिए हाथी को हॉर्न बजाकर या फिर उसके पीछे टॉर्च इत्यादि से रास्ता दिखाकर जंगल की ओर भेजा जाता है।
-शैलेंद्र सिंह नेगी, रेंज अधिकारी, हरिद्वार- रेंज अधिकारी ने लोगों से की ये अपील: ईटीवी भारत की टीम से हरिद्वार के रेंज अधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि हम आमजन से यही अपील करना चाहेंगे कि यदि कोई भी वन्य जीव आपको आपके आसपास दिखता है, तो घबराएं नहीं. इसकी सूचना वन विभाग को दें. हमारी क्विक रिस्पांस टीम मौके पर पहुंचेगी. तुरंत उस वन्य जीव को जंगल में भेजने का कार्य करेगी. किसी भी स्थिति में पैनिक ना हों. वन विभाग से जुड़ी टीमों का सहयोग करें. जैसे वह दिशा निर्देश दें, उनका पालन करें. यह आपकी भलाई के लिए ही है।
