उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
उत्तराखंड के ग्वालदम बाजार में एक छोटी-सी दुकान 1000 से ज्यादा दुर्लभ हिमालयी जड़ी-बूटियों के लिए मशहूर है. यहां मिलने वाली औषधियां सेहत सुधारने के साथ पहाड़ी परंपरा और आयुर्वेदिक ज्ञान का अनमोल खजाना हैं. इन औषधियों की कीमत हजारों में है।ग्वालदम बाजार में हिमालय की 1000 से ज्यादा दुर्लभ जड़ी-बूटियां मिलती हैं.
मोहन सिंह की दुकान में औषधियों की कीमत 20 से 20,000 रुपये तक है.
देश-विदेश से लोग प्राकृतिक चिकित्सा के लिए इस दुकान पर आते हैं.
बागेश्वर: उत्तराखंड के चमोली जिले के ग्वालदम बाजार में एक छोटी-सी दुकान इन दिनों लोगों के बीच खूब चर्चा में है. जिसकी वजह भी बेहद खास है दरअसल, इस दुकान पर हिमालय की 1000 से ज्यादा दुर्लभ और असरदार जड़ी-बूटियां एक ही जगह मिलती हैं. ये जड़ी-बूटियां न सिर्फ बीमारियों को ठीक करने में कारगर हैं, बल्कि सदियों पुराने पहाड़ी ज्ञान और पारंपरिक आयुर्वेद की विरासत भी अपने साथ समेटे हुए हैं।इस दुकान के मालिक मोहन सिंह पिछले 35 सालों से खुद हिमालय की ऊंची पहाड़ियों, जंगलों और घाटियों में घूमकर इन जड़ी-बूटियों को इकट्ठा करते हैं. मोहन सिंह बताते हैं, “हर औषधि का मौसम, जगह और समय तय होता है. हम मौसम के अनुसार जंगल में जाकर इन्हें पहचानते हैं और बहुत सावधानी से तोड़ते हैं, ताकि उनका असर और औषधीय गुण बरकरार रहे.”
कौन-कौन सी औषधियां मिलती हैं?
इस दुकान में अतीस, कुटकी, बिच्छू बूटी, तेजपत्ता, रत्ती, दारूहल्दी, जटामांसी, गिलोय, अड़ुस, अपराजिता, काफल छाल, नैर जैसी रामबाण औषधियां उपलब्ध हैं. इनमें से कई ऐसी हैं, जो कैंसर, दिल की बीमारी, डायबिटीज, बुखार, स्किन प्रॉब्लम और गठिया जैसे पुराने रोगों में बहुत असरदार मानी जाती हैं।
