🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 03 मार्च 2024*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 20 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 13 माघ मास*
🌤️ *मास – फाल्गुन (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार माघ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – सप्तमी सुबह 08:44 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – अनुराधा शाम 03:55 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा**
🌤️ *योग – हर्षण शाम 05:25 तक तत्पश्चात वज्र*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:47 से शाम 06:14 तक*
🌞 *सूर्योदय- 06:41*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:18*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से सुबह 08:44) तक*
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सिर में जूँ एवं लीख* 🌷
1⃣ *पहला प्रयोगः निबौली, सरसों कि तेल लगाने से अथवा अरीठे का फेन लगाने से जूँ और लीखें मर जाती हैं।*
2⃣ *दूसरा प्रयोगः तुलसी के पत्ते पीसकर सिर पर लगा लें। तदुपरांत सिर पर कपड़ा बाँध लें। सारी जुएँ मरकर कपड़े से चिपक जाएँगी। दो-तीन बार लगाने से ही सारी जुएँ साफ हो जायेंगी।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *लक्ष्मी की चाह रखने वाले किनसे बचें* 🌷
🙏🏻 *भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जो अशुद्ध ह्रदयवाला, क्रूर, हिंसक, दूसरों की निंदा करनेवाला होता है, उसके घर से भगवती लक्ष्मी चली जाती हैं |*
👉🏻 *जो नखों से निष्प्रयोजन तिनका तोड़ता है अथवा नखों से भूमि को कुरेदता रहता है उसके घर से मेरी प्रिय लक्ष्मी चली जाती हैं |*
🌞 *जो सूर्योदय के समय भोजन, दिन में शयन तथा दिन में मैथुन करता है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती हैं |” (श्रीमद् देवी भागवत )*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *मृत्यु के समय* 🌷
🐄 *मरते समय भी गौ के गोबर का लेप करके मुर्दे को रखो ..उसकी सद्गति होगी | मरते समय जो मर जा रहे हैं उनके मुँह में तुलसी के पत्ते रखो | गाय के गोबर के कंडे का धुआं करो तो उसके बैक्टेरिया दूसरे को नहीं सताएँगे |*
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