उत्तराखंड डेली न्यूज़ ;ब्यूरो
विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर नेचुरल रिर्साेस मैनेजमेंट सोसाइटी तथा हिमवाल संस्था ने एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें वन्य जीव संरक्षण पर वैज्ञानिकों, पर्यावरणविंदों ने विस्तृत व्याख्यान दिए।
इस वर्ष विश्व वन्यजीव दिवस 2024 की थीम ‘पृथ्वी और मानव समन्जस्य के लिए वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचारों का अन्वेषण’ विषय पर संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। इस मौके पर बतौर मुख्य वक्ता डॉ सुनल रोमैन, संस्थापक, समग्र उन्नयन फाउंडेशन, पंजाब ने उतराखंड के परिपेक्ष्य में अपनी रिसर्च के प्रमुख तथ्यों को प्रस्तुत किया और कहा कि आज वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं, कई पाठ्यक्रम भी इसके लिए चल रहे हैं जिनसे युवाओं को विशेष लाभ मिल सकता है।
वहीं इस मौके पर महानगर पर्यावरण गतिविधि संयोजक डॉ भवतोष शर्मा, (वैज्ञानिक, यूसर्क देहरादून) ने कहा कि उत्तराखंड वन्य जीव संरक्षण संवर्द्धन की दृष्टि से भारत का विशेष राज्य है लेकिन यहां मानव और वन्य जीव संघर्ष पर रोकथाम की आवश्यकता है। आज डिजिटल नवाचारों से इस दिशा में लाभ मिल सकता है।
इस मौके पर वन रेंज अधिकारी आशीष नौटियाल, टिहरी वन प्रभाग ने उतराखंड सरकार और वन विभाग के द्वारा वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में प्रयोग किए जा रहे डिजिटल उपकरणों का परिचय दिया और इसके फायदे बताये।
वक्ता के रुप में डॉ शम्भू नौटियाल, डॉ कपिल पंवार, ज्योति जुयाल ने भी उतराखंड के परिपेक्ष्य में वन्यजीव की स्थिति और समस्याओं पर अपने अनुभव साझा किए।
मुख्य अतिथि के रुप में डॉ अपर्णा शर्मा, सहायक निदेशक, फॉरेंसिक विभाग हिमाचल सरकार ने हिमाचल और उत्तराखंड के वन्यजीव विविधता और मानव वन्य जीव संघर्ष से उभरी समस्याओं के निराकरण पर अपने वक्तव्य रखे। एस आई एम एस की प्राचार्या डॉ ज्योति जुयाल ने इस अवसर पर मानव वन्य जीव सह अस्तित्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपिका डिमरी, संस्थापक हिमवाल संस्था ने किया तथा अन्त में विकास नौटियाल, पर्यावरण संयोजक, सुभाष नगर ने सभी अतिथि वक्ताओं, श्रोताओं, संचालक संस्थाओं का धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के 65 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।