*~ हिन्दू पंचांग ~*

*दिनांक – 05 मार्च 2024*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत – 2080*
*शक संवत -1945*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*अमांत – 22 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 15 माघ मास*
*मास – फाल्गुन (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार माघ)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – नवमी सुबह 08:04 तक तत्पश्चात दशमी*
*नक्षत्र – मूल शाम 04:00 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा*
*योग – सिद्धि दोपहर 02:09 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
*राहुकाल – शाम 03:22 से शाम 04:48 तक*
*सूर्योदय-06:39*
*सूर्यास्त- 18:19*
*दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – व्यतीपात योग (दोपहर 02:09 से 06 मार्च दोपहर 11:33 तक),दशमी वृद्धि तिथि*
*विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*विजया एकादशी*
*06 मार्च 2024 बुधवार को सुबह 06:31 से 07 मार्च, गुरुवार को प्रात: 04:13 तक एकादशी है।*
*विशेष – 06 मार्च, बुधवार को विजया एकादशी (स्मार्त) एवं 07 मार्च, गुरुवार को विजया एकादशी (भागवत) 07 मार्च, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
*निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैं l*
*कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।*
*पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।*
*विशेष ~ अतः इस बार भी शास्त्र अनुसार 07 मार्च 2024 गुरुवार को उपवास करें*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*महाशिवरात्रि*
*08 मार्च 2024 शुक्रवार को महाशिवरात्रि है।*
*भगवान शिव बहुत भोले हैं, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि (08 मार्च शुक्रवार) पर शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं।*
*कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है। ये उपाय इस प्रकार हैं-*
*महाशिवरात्रि पर करें ये आसान उपाय, प्रसन्न होंगे भोलेनाथ*
*शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है-*
*1. बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।*
*2. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।*
*3. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।*
*4. शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।*
*5. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।*
*6. यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।*
*शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-*
*1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।*
*2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।*
*3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।*
*4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।*
*5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।*
*6. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।*
*7. कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।*
*8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।*
*9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।*
*10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है।*
*11. दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।*
*आमदनी बढ़ाने के लिए*
*महाशिवरात्रि पर घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी पूजा करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें-*
*ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं*
*प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदनी में इजाफा होता है।*
*संतान प्राप्ति के लिए उपाय*
*महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।*
*यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।*
*बीमारी ठीक करने के लिए उपाय*
*महाशिवरात्रि पर पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जप करते रहें*