🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 10 मार्च 2024*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 26 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 20 माघ मास*
🌤️ *मास – फाल्गुन (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार माघ)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अमावस्या दोपहर 02:29 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वभाद्रपद 11 मार्च रात्रि 01:55 तक तत्पश्चात उत्तरभाद्रपद*
🌤️ *योग – साध्य शाम 04:14 तक तत्पश्चात शुभ*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:50 से शाम 06:18 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:33*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:23*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या,फाल्गुन अमावस्या,द्वापर युगादि तिथि,पंचक*
💥 *विशेष – अमावस्या व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *समृद्धि बढ़ाने के लिए* 🌷
🌙 *कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
🙏🏻 *दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें,जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार*
*”अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”*
🍲 *जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *खेती के काम में ये सावधानी रहे* 🌷
🚜 *ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*
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