*~ हिन्दू पंचांग ~*

*दिनांक – 12 मार्च 2024*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत – 2080*
*शक संवत -1945*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*अमांत – 28 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 22 माघ मास*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – द्वितीया सुबह 07:13 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र – रेवती रात्रि 08:29 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग – शुक्ल सुबह 07:53 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*राहुकाल – शाम 03:23 से शाम 04:51 तक*
*सूर्योदय-06:31*
*सूर्यास्त- 18:24*
*दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – पंचक (समाप्त:रात्रि 08:29),तृतीया क्षय तिथि*
*विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*अशांति मिटाने के लिए*
*गाय के गोबर के कंडे लें, उसके ऊपर घी में भीगे हुए चावल डालकर जलाएं l घर में शांति आएगी व वास्तु दोष दूर होंगे l*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*आर्थिक दरिद्रता हो तो*
*लोटे में जल, गुड़, दूध, काले तिल मिलाकर शनिवार को पीपल के मूल में ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ जपते हुए ७ परिक्रमा करें और फिर थोड़ी देर में जप करें ‘ॐ हौं जूँ सः’ । ये माला २१ दिन करें । शनिवार को पीपल का स्पर्श करेंतो आधि-व्याधि व दरिद्रता दूर होती है ।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*पुराने बुखार में*
*तुलसी के ताजे पत्ते 6, काली मिर्च और मिश्री 10 ग्राम ये तीनों पानी के साथ पीस कर घोल बना के बीमार व्यक्ति को पिला दें। कितना भी पुराना बुखार हो, कुछ हो दिन यह प्रयोग करने से सदा के लिये मिट जायेगा।*