
* हिन्दू पंचांग ~*

*दिनांक – 22 मार्च 2024*
*दिन – शुक्रवार*
*विक्रम संवत – 2080*
*शक संवत -1945*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – वसंत ॠतु*
*अमांत – 9 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 2 चैत्र मास*
*मास – फाल्गुन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – त्रयोदशी पूर्ण रात्रि तक*
*नक्षत्र – मघा 23 मार्च प्रातः 04:28 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग – धृति शाम 06:36 तक तत्पश्चात शूल*
*राहुकाल – सुबह 10:53 से दोपहर 12:24 तक*
*सूर्योदय-06:19*
*सूर्यास्त- 18:30*
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत,त्रयोदशी वृद्धि तिथि*
*विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*होली विशेष*
*होली का दिन चंद्रमा का प्रागट्य दिन है | जो लोग सदा किसी न किसी दुःख से पीड़ित रहते हो , तो दुःख और शोक दूर करने के लिए विष्णु-धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि होली के दिन भगवान के भूधर स्वरुप अर्थात पृथ्वी को धारण करनेवाले भगवान का ध्यान और जप करना चाहिये | मंत्र बोलना चाहिये होली के दिन इनका विशेष माहात्म्य और फायदे है -*
*ॐ भूधराय नम:….. ॐ भूधराय नम: ….. ॐ भूधराय नम:*
*और नीचे श्लोक एक बार बोलना और भगवान को, गुरु को विशेषरूप से प्रणाम और पूजन कर लें –*
*धरणीम् च तथा देवीं अशोकेती च कीर्तयेत् |*
*यथा विशोकाम धरणी कृत्वान्स्त्वां जनार्दन: ||*
*( हे भगवान जब जब भी पृथ्वी देवी असुरों से पीड़ित होकर आपको पुकारती है , तब तब आप राक्षसों का वध करते है और पृथ्वी को धारण करके उसका शोक दूर कर देते है | ऐसे आप भगवान मेरे भी शोक, दुःख आदि का हरण करे और मुझे धारण करें | ) खाली होली के दिन ये करें |*
*और होली को रात को चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिये | जिनके घर मे पैसों की तंगी रहती है, आर्थिक कष्ट सहना पड़ता है | तो होली को रात दूध और चावल की खीर बनाकर चंद्रमा को भोग लगाये | पानी, दूध, शक्कर, चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दे , दिया जलाकर दिखायें और थोड़ी देर चंद्रमा की चाँदनी में बैठकर गुरुमंत्र का जप करें | और प्रार्थना करें हमारे घर का जो आर्थिक संकट है वो टल जायें, कर्जा है तो उतर जाये | होली की रात फिर बैठकर जप करें बहुत फायदा होगा | चंद्रमा उदय होने पर चंद्रमा में भगवान विष्णु, लक्ष्मी और सूर्य की भावना करके अर्घ्य देना चाहिये , कि सामने भगवान विष्णु ही बैठे है | भगवान ने गीता में कहा ही है कि नक्षत्रों का अधिपति चन्द्रमा मैं ही हूँ | ये शास्त्रों की बात याद रखे कि दुःख की और कर्जे की ताकत नहीं कि उस आदमी के सिर पर बना रहे |*
*श्रीर्निषा चन्द्र रुपस्त्वं वासुदेव जगत्पते |*
*मनोविलसितं देव पूर्यस्व नमो नमः ||*
*ॐ सोमाय नम: |*
*ॐ नारायणाय नम: |*
*ॐ श्रीं नम: |*
*लक्ष्मीजी का मंत्र – ॐ श्रीं नम: होली की रात घर मे आर्थिक परेशानी को दूर भगाने वाला ये सरल प्रयोग है |*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*विवाह की बाधा दूर करने का उपाय*
*यदि किसी कन्या का विवाह न हो पा रहा हो तो पूर्णिमा को वटवृक्ष की १०८ परिक्रमा करने से विवाह की बाधा दूर हो जाती है। गुरुवार को बड़ या पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करने से भी विवाह की बाधा दूर होती है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*