🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक -14 अप्रैल 2024*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार – 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वसंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 2 गते वैशाख मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 25 फाल्गुन मास*
🌤️ *मास – चैत्र*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – षष्ठी सुबह 11:43 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र – आर्द्रा 15 अप्रैल रात्रि 01:35 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
🌤️ *योग – अतिगण्ड रात्रि 11:33 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल – शाम 05:04 से शाम 06:40 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:52*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:44*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – रविवारी सप्तमी (पुण्यकाल : दोपहर 11:43 से 15 अप्रैल सूर्योदय तक*
💥 *विशेष – *षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *अभी नवरात्रि चल रही हैं । इसमें देवी मां को प्रसन्न करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। श्रीमद्देवीभागवत महापुराण में कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बताया है, जिसे नवरात्रि में नवमी या अष्टमी को अपनाकर आप भी सुख, समृद्धि और शांति पा सकते हैं। साथ ही बुरी नजर से लेकर कलह जैसी बाकी समस्याओं को भी दूर कर सकते हैं।*
💰 *समृद्धि के लिए*
*माता के मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने एक पान के पत्ते पर केसर में इत्र व घी मिलाकर स्वस्तिक बनाएं ।अब उस पर कलावा लपेटकर एक सुपारी रखें।*
💶 *पैसों की तंगी के लिए*
*नवमी तिथि या अष्टमी तिथि को माता का ध्यान कर घर के मंदिर में गाय के गोबर के उपले पर पान, लौंग, कर्पूर, व इलायची गूगल के साथ ही कुछ मीठा डालकर माता को धुनी (हवन) दें ।*
🚶🏻 *रुकावटें दूर करने के लिए*
*माता के मंदिर में पान बीड़ा चढ़ाएं, इस पान में कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी के साथ ही लौंग का जोड़ा रखें । सुपारी व चूना न डालें।*
💰 *व्यापार वृद्धि के लिए*
*किसी भी देवी मंदिर में जाकर अपनी गल्तियों के लिए माफी मांगे । माता को पान बीड़ा चढ़ाएं और 9 मीठे पान कन्याओं को दान करें ।*
🙄 *बुरी नजर के लिए*
*माता के मंदिर में पान रखकर नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की 7 पंखुड़ियां रखकर खिलाएं । नजर दोष दूर होगा ।*
☺ *आकर्षण शक्ति बढ़ाने के लिए*
*पान के पत्ते की जड़ को माता भुनेश्वरी का ध्यान करते हुए घिसकर तिलक लगाएं ऐसा करने से आपकी आकर्षण शक्ति बढ़ने लगेगी ।*
🤵🏻👰🏻 *पति पत्नी में अनबन हो तो*
*नवमी की रात चंदन और केसर पाउडर मिलाकर पान के पत्ते पर रखें । फिर दुर्गा माताजी की फोटो के सामने बैठ कर चंडी स्तोत्र का पाठ करें ।रोजाना इस पाउडर का तिलक लगाएं ।*🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *नवरात्रियों की सप्तमी तिथि* 🌷
🙏🏻 *नवरात्रियों के दिनों में जप, सुमिरन विशेष किया जाता है | और वृत्तोत्सव ग्रंथ के अनुसार और भविष्यपुराण में आता है कि, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को जप करें | मंत्र इसप्रकार है – ॐ धात्रेय नम: | ॐ धात्रेय नम: | ॐ धात्रेय नम: | ॐ धात्रेय नम: |*
*इस मंत्र से भगवान का पूजन, सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य की विशेष वृद्धि होती है |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *भय का नाश करती हैं मां कात्यायनी*
*नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *चैत्र नवरात्रि* 🌷
🙏🏻 *नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं ।इससे धन लाभ होने के योग बनने हैं ।*
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