उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग विकराल रूप लेते जा रही है। जनपद नैनीताल में सेना की मदद ली जा रही है वहां पर एक आईटीआई विद्यालय भी चल कर राख हो गया है। सैकड़ो हेक्टेयर वन भूमि जल गए हैं और इससे अधिक वनों पर या खतरा मंडरा रहा है।अमूल्य वन संपदा और वन्य जीव नष्ट हो गए हैं एवं जल स्रोतों पर बहुत घातक असर पड़ रहा है। सरकार के पास कोई ठोस कार्य न योजना नहीं है जिससे कि वह इस आपदा को कम कर सकने में सफल होती। विभाग द्वारा तैयारी की जानी चाहिए थी कि किस प्रकार से वनों को आग से बचाया जाए लेकिन वह पूर्ण तया असफल रहा है।इसमें पूरी तरह से विभाग की घोर लापरवाही प्रदर्शित होती है ।वन विभाग द्वारा अपने बजट के 200 करोड़ रूपया जो उनके पास काम करने के लिए आवंटित था वह विभाग खर्च नहीं कर पाए, इसलिए शासन को200करोड़ वापस करना पड़ा जो कि बहुत दुखद है ।पैसा होने के बावजूद , कार्य पूरा न कर पाना अकर्मण्यता प्रदर्शित करता है। इसके लिए उक्रांद मांग करता है कि वन मंत्री को अपने पद से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए। विभाग को संभालने में असफल रहे हैं चाहे वह वन्य जीव का संघर्ष का मामला हो या बनो में लगी आग लगने का मामला हो, पहाड़ के क्षेत्र में बंदरों और सूअर का प्रकोप और साथ में बाघों द्वारा कई व्यक्तियों को मार देने की घटनाएं हुई है जिनकी रोकथाम करने में सरकार असफल हुई है। इसलिए वन मंत्री अपने कार्य करने में सफल रहे हैं और नैतिकता के आधार पर उनको अपने पद इस्तीफा दे देना चाहिए। इस अवसर पर विजेन्द्र रावत, अनूप पंवार,पुष्कर गुसाई,मनोज मिश्रा एडवोकेट,और अशोक नेगी ,आदि उपस्थित रहे।