🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 14 मई 2024*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 1 गते जयेष्ठ मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 24 चैत्र मास*
🌤️ *मास – वैशाख*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – सप्तमी 15 मई प्रातः 04:19 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – पुष्य दोपहर 01:05 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
🌤️ *योग – गण्ड सुबह 07:26 तक तत्पश्चात वृद्धि*
🌤️ *राहुकाल – शाम 03:36 से शाम 05:17 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:25*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:03*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – श्री गंगा सप्तमी (श्री गंगा जयंती),विष्णुपदी-वृषभ संक्रांति (पुण्यकाल: दोपहर 11:01 से शाम 06:04 तक*
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *बुधवारी अष्टमी* 🌷
➡ *15 मई 2024 बुधवार को सूर्योदय से 16 मई सूर्यास्त तक बुधवारी अष्टमी है ।*
👉🏻 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🙏🏻 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पापनाशिनी, पुण्यप्रदायिनी गंगा* 🌷
➡ *14 मई 2024 मंगलवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।*
🙏🏻 *जैसे मंत्रों में ॐकार, स्त्रियों में गौरीदेवी, तत्त्वों में गुरुतत्त्व और विद्याओं में आत्मविद्या उत्तम है, उसी प्रकार सम्पूर्ण तीर्थों में गंगातीर्थ विशेष माना गया है। गंगाजी की वंदना करते हुए कहा गया हैः*
🌷 *संसारविषनाशिन्यै जीवनायै नमोऽस्तु ते।*
*तापत्रितयसंहन्त्र्यै प्राणेश्यै ते नमो नमः।।*
🙏🏻 *’देवी गंगे ! आप संसाररूपी विष का नाश करने वाली हैं । आप जीवनरूपा है। आप आधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के तापों का संहार करने वाली तथा प्राणों की स्वामिनी हैं । आपको बार-बार नमस्कार है।'(स्कंद पुराण, काशी खं.पू. 27.160)*
🙏🏻 *जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ‘गंगा दशहरा’ (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है। इन दिनों में गंगा जी में गोता मारने से विशेष सात्त्विकता, प्रसन्नता और पुण्यलाभ होता है। वैशाख, कार्तिक और माघ मास की पूर्णिमा, माघ मास की अमावस्या तथा कृष्णपक्षीय अष्टमी तिथि को गंगास्नान करने से भी विशेष पुण्यलाभ होता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गंगा स्नान का फल* 🌷
➡️ *14 मई 2024 मंगलवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।*
🙏🏻 *”जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।” (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*