
*~ हिन्दू पंचांग ~*

*दिनांक – 28 मई 2024*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत -1946*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*अमांत – 15 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 6 वैशाख मास*
*मास – ज्येष्ठ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार वैशाख*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – पंचमी शाम 03:23 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र – उत्तराषाढा सुबह 09:33 तक तत्पश्चात श्रवण*
*योग – ब्रह्म 29 मई रात्रि 02:06 तक तत्पश्चात इन्द्र*
*राहुकाल – शाम 03:41 से शाम 05:24 तक*
*सूर्योदय- 05:18*
*सूर्यास्त- 19:12*
*दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण –
*विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*ज्योतिष शास्त्र*
*हर व्यक्ति के जीवन में कुछ न कुछ परेशानियां जरूर रहती हैं। उन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिेए व्यक्ति हरसंभव कोशिश करता है। कई बार उसे सफलता मिलती है तो कई बार असफलता हाथ लगती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ आसान उपाय कर उन परेशानियों को खत्म किया जा सकता है। ये हैं कुछ आसान उपाय-*
*1. रुका हुआ पैसा पाने के लिए करें ये उपाय*
*शुक्ल पक्ष के किसी सोमवार से यह उपाय शुरू कर लगातार 21 दिनों तक करें। सुबह जल्दी उठें। स्नान आदि कामों से निपटकर एक लोटे में साफ पानी लेकर उसमें 5 गुलाब के फूल डालकर सूर्य को अर्ध्य दें और भगवान सूर्य से समस्या निराकरण के लिए प्रार्थना करें। शीघ्र ही आपका अटका हुआ पैसा आपको मिल सकता है।*
*2. सफलता पाने के लिए*
*किसी भी बुधवार को सूर्य की ओर मुख करके नमस्कार करें। इसके बाद कच्चा सूत लेकर उस पर नीचे लिखा मंत्र पढ़ते हुए सात गठान लगाएं। अब उस सूत को ताबीज में भरकर पहन लें। अब प्रति बुधवार को यह तावीज निकालकर धूप-दीप दिखाकर पुन: धारण कर लिया करें। इस ताबीज को पहनकर आप जिस किसी भी काम को करने जाएंगे उसमें सफलता अवश्य मिलेगी।*
*मंत्र- ऊं गं गणपतये नम:*
*3. सुख-समृद्धि के लिए*
*रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तुलसी को जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार में शांति बनी रहती है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*शरीर में ठंडी या गर्मी हो तो*
*जिसके शरीर में बहुत गर्मी हो …आँखे जलती हों उसको रात को सोते वक्त दायीं करवट लेटकर थोड़ा सोना चाहिए तो शरीर की गर्मी कम हो जाएगी और जिनका शरीर ठंडा पड़ जाता हो और ढीला हो उसको बायीं करवट सोना चाहिए ।*