🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 21 जून 2024*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – वर्षा ॠतु*
🌤️ *अमांत – 7 गते aashad मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 31 ज्येष्ठ मास*
🌤️ *मास – ज्येष्ठ*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी सुबह 07:31 तक तत्पश्चात पूनम*
🌤️ *नक्षत्र – ज्येष्ठा शाम 06:19 तक तत्पश्चात मूल*
🌤️ *योग – शुभ शाम 06:42 तक तत्पश्चात शुक्ल*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:34 से दोपहर 12:19 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:17*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:21*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – व्रत पूर्णिमा,वट पूर्णिमा,वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत),वर्ष का सबसे बडा दिन,वर्षा ऋतु प्रारंभ*
💥 *विशेष – चतुर्दशी, पूर्णिमा व व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गर्मी में कैसे रहें स्वस्थ* 🌷
👉🏻 *क्या करें*
➡️ *1] सुपाच्य, चिकनाई व मधुर रसयुक्त, शीतल प्रकृति के और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करें |*
➡️ *2] देशी गाय का दूध, घी तथा मिश्री, फल आदि का सेवन करना हितकारी है ।*
➡️ *3] धूप में चलते समय सिर को टोपी या पगड़ी से ढक लें |*
➡️ *4] घड़े या सुराही का जल खुला हितकर है |*
➡️ *5] ऐसे कपड़े पहने जाने चाहिए जो आसानी से सूखे हुए हों।*
👉🏻 *क्या न करें*
❌ *1] गर्मियों में गर्म प्रकृति के साथ, तीखे और पचने में भारी पदार्थों से परहेज करें ।*
❌ *2] धूप में आने के तुरंत बाद या एक साथअधिक पानी ना पिए |*
❌ *3 धूम में घूमना, अधिक व्यायाम करना, देर रात तक जागना, अधिक देर तक भूखा-प्यासा रहना खतरा है |*
❌ *4] अत्यधिक ठंडा पेय, ठंडा पेय, चिपचिपाहट का ठंडा पानी, बर्फ, आइसक्रीम आदि का सेवन न करें।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *विद्यालाभ योग* 🌷
➡ *23 एवं 24 जून 2024 रविवार एवं सोमवार को विद्यालाभ योग (गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि अमावस्यांत मास प्रचलनवाले राज्यों को छोड़कर भारतभर में)*
🙏🏻 *विद्यालाभ के लिए मंत्र*
👉🏻 *ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।*
💥 *विशेष – जिन राज्यों में पूर्णिमा को माह का अंत माना जाता है वहाँ यह मंत्र 23 जून 2024 रविवार को शाम 05:03 से रात्रि 11:45 तक 108 बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से “ह्रीं” मंत्र लिख दें । अथवा 24 जून 2024 सोमवार को प्रातः 04:19 से दोपहर 03:54 बजे तक 108 बार मंत्र जप लें और रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से “ह्रीं “‘ मंत्र लिख दें । जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा, उसे विद्यालाभ व विद्वत्ता की प्राप्ति होगी |*
💥 *विशेष – गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि जहाँ अमावस्या को माह का अंत माना जाता है वहाँ 21 जुलाईu 2024 रविवार को सूर्योदय से रात्रि 11:45 बजे तक 108 बार मंत्र जप लें और रात्रि 11:00 से 12:00 बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन ‘ह्रीं’ मंत्र लिख दें ।*
👉🏻 *(ध्यान दें :- गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, आदि अमावस्यांत मास प्रचलनवाले राज्यों में यह योग 21 जुलाई 2024 रविवार को है ।)*
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