उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्यूरो
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड के तत्वाधान में आज वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से प्रदेश के 500 से भी अधिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य एवं तम्बाकू सेवन के प्रति जागरुक करने के लिए एक अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर “फॉरगिवनेस फाउण्डेशन” के मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने बच्चों से वर्चुअल माध्यम से सीधा संवाद किया। उन्होंने बच्चों एवं उपस्थित शिक्षकों-शिक्षिकाओं को मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि स्वस्थ मन से स्वस्थ शरीर का निर्माण होता हैं उन्होंने बताया कि स्वस्थ मन होगा तो व्यक्ति स्वतः ही व्यसनों एवं बुराइयों से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि मानसिक कमजोरियों के कारण ही व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यसनों के जाल में फंसता चला जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति व छात्र अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान केन्द्रित करे जितना कि वह शारीरिक बीमारियों के प्रति सजग होता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों व गतिविधियों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रश्नों का निराकरण किया।प्रश्नोत्तर सत्र में बच्चों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं व जिज्ञासाओं से सम्बन्धित प्रश्न विशेषज्ञ वक्ता से पूछे। विशेषज्ञ डॉ. शर्मा द्वारा इनका त्वरित व यथोचित समाधान किया गया।इस अवसर पर अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशक श्रीमती बन्दना गर्त्याल ने बच्चों का आह्वान किया कि व्यसनों से दूर रहें। व्यसन मुक्त जीवन ही सफलता व अच्छे स्वास्थ्य का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपनी भूमिका को पहचान कर छात्रों के साथ निरन्तर संवाद कायम करते हुए छात्रों का मार्गदर्शन करते रहें तथा उन्हें हर संभव सहायता विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराते रहें। यह आज के समय की हम सबके लिए सामाजिक चुनौती है जिसका मुकाबला हमें मिलकर करना होगा। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक आशारानी पैन्यूली ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रसन्न मन ही अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने खुशी की महत्ता को बताते हुए कहा कि दिन में एक बार हंसने पर पूरे दिन के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों / शिक्षकों का मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम से जुड़े प्रदेश के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं बच्चों द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गयी एवं समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की गयी। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक सोहन नेगी, सह सहमन्वयक गोपाल घुघत्याल, डॉ. एस. पी. सेमल्टी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।