
*~ हिन्दू पंचांग ~
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*दिनांक – 03 अगस्त 2024*
*दिन – शनिवार*
*विक्रम संवत् – 2081*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा*
* अमांत 19 गते श्रावण मास प्रविष्टि*
* राष्ट्रीय तिथि 12 आषाढ़ मास*
*मास – श्रावण*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – चतुर्दशी दोपहर 03:50 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र – पुनर्वसु प्रातः 11:59 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग – वज्र प्रातः 11:01 तक तत्पश्चात सिद्धि*
*राहु काल – प्रातः 09:02 से प्रातः 10:42 तक*
*सूर्योदय – 05:37*
*सूर्यास्त – 07:09*
*दिशा शूल – पूर्व दिशमें*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:44 से 05:28 तक*
* अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:24 अगस्त 04 से रात्रि 01:08 अगस्त 04 तक*
*विशेष – चतुर्दशी व अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*नौकरी – व्यवसाय में सफलता, आर्थिक समृद्धि एवं कर्ज मुक्ति हेतु कारगर प्रयोग…*
*पद्म पुराण के अनुसार हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।*
*शनिवार के दिन पीपल में काले तिल, दूध, गुड़, पानी मिलाकर चढ़ायें एवं प्रार्थना करें – ‘ हे प्रभु ! आपने गीता में कहा है कि वृक्षों में पीपल मैं हूँ। हे भगवान ! मेरे जीवन में यह परेशानी है। आप कृपा करके मेरी यह परेशानी ( परेशानी , दुःख का नाम लेकर ) दूर करने की कृपा करें। पीपल का स्पर्श करें व प्रदक्षिणा करें।*
*कलह-क्लेश, रोग व दुर्बलता मिटाने का उपाय
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*जिसको घर में कलह-क्लेश मिटाना हो, रोग या शारीरिक दुर्बलता मिटाना हो वह इस चौपाई की पुनरावृत्ति किया करे :*
*बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन-कुमार।*
*बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।।*
*नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए
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*अमावस्या के दिन पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
*अमावस्या को आहुति प्रयोग
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*धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।*
*सामग्री : १. काले तिल २. जौ ३. चावल ४. गाय का घी ५. चंदन पाउडर ६. गूगल ७. गुड़ ८. देशी कर्पूर , गौ चंदन या कण्डा।*
*विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें ।*
*आहुति मंत्र -*
*१. ॐ कुल देवताभ्यो नमः*
*२. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः*
*३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः*
*४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः*
*५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः*