
*~ हिन्दू पंचांग ~
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*दिनांक – 09 अगस्त 2024*
*दिन – शुक्रवार*
*विक्रम संवत् – 2081*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – वर्षा*
* अमांत – 26गते श्रावण मास प्रविष्टि*
* राष्ट्रीय तिथि – 19 आषाढ़ मास*
*मास – श्रावण*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – पंचमी रात्रि 03:14 अगस्त 10 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र – हस्त रात्रि 02:44 अगस्त 10 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग – सिद्ध दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात साध्य*
*राहु काल – प्रातः 10:43 से दोपहर 12:22 तक*
*सूर्योदय – 05:40*
*सूर्यास्त – 07:04*
*दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:46 से 05:30 तक*
* अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:11*
*निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:23 अगस्त 10 से रात्रि 01:07 अगस्त 10 तक*
* व्रत पर्व विवरण – नाग पंचमी*
*विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*वर्षा ऋतु का खास प्रयोग
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* ५०० ग्राम हरड़ चूर्ण व ५० ग्राम सेंधा नमक का मिश्रण बना लें । (उसमें १२५ ग्राम सोंठ भी मिला सकते हैं ।) २-४ ग्राम यह मिश्रण दिन में १-२ बार लेने से ‘रसायन’ के लाभ प्राप्त होते हैं ।*
* नागरमोथा, बड़ी हरड़ और सोंठ तीनों को समान मात्रा में लेकर बारीक पीस के चूर्ण बना लें । इस चूर्ण से दुगनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बेर समान गोलियाँ बना लें । दिन में ४-५ बार १-१ गोली चूसने से कफयुक्त खाँसी में राहत मिलती है ।*
* १ से ३ लौंग भूनकर तुलसी पत्तों के साथ चबाकर खाने से सभी प्रकार की खाँसी में लाभ होता है ।*
* वर्षा ऋतु में दमे के रोगियों की साँस फूले तो १०-२० ग्राम तिल के तेल को गर्म करके पीने से राहत मिलती है । ऊपर से गर्म पानी पियें ।*
* भोजन के पूर्व नींबू और अदरक के रस में सेंधा नमक डालकर पीने से मंदाग्नि व अजीर्ण में लाभ होता है ।*
* कब्ज की तकलीफ होने पर रात में त्रिफला चूर्ण लें । रात का रखा हुआ आधा से एक लीटर पानी सुबह बासी मुँह पीने से कब्ज का नाश होता है ।*