*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 18 अगस्त 2024*
*⛅दिन – रविवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌦️ अमांत – 3 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
*🌦️ राष्ट्रीय तिथि – 28 श्रावण मास*
*⛅मास – श्रावण*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्दशी रात्रि 03:04 अगस्त 19 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा प्रातः 10:15 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग – आयुष्मान प्रातः 07:51 तक, तत्पश्चात सौभाग्य प्रातः 04:28 अगस्त 19 तक, तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल – शाम 05:13 से शाम 06:51 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:47*
*⛅सूर्यास्त – 06:56*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:48 से 05:33 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:18 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 अगस्त 19 से रात्रि 01:06 अगस्त 19 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 06:17 से प्रातः 10:15 तक), रवि योग (प्रातः 10:15 से प्रातः 06:18 अगस्त 19 तक)*
*⛅विशेष – चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹विघ्न-बाधाओं व दुर्घटना से बचने का उपाय🔹*
*ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।*
*उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।*
*🔸रोज सुबह उठने पर अथवा घर से बाहर जाते समय एक बार इस मंत्र का जप कर लें तो विघ्न-बाधारहित, दुर्घटनारहित गाड़ी अपने रास्ते सफर करती रहेगी । और जीवन की शाम होने से पहले रोज उस त्र्यम्बक (परमात्मा) में थोड़ी देर शांत रहा करो ।*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔸 रविवार के पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*
*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
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