उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
डॉक्टर अश्विन अग्रवाल ने एक पॉडकास्ट में बताया है, “आंखों को मलना बिलकुल भी अच्छा नहीं है। यह ड्राइनेस का एक संकेत हो सकता है।” उन्होंने कहा, “आंखों को मलने से कैरेटोकोनस कंडीशन हो सकती है… इसमें कॉर्निया डोम शेप की जगह कोन शेप में होने लगती है जिसके कारण रिफ्रेक्टिव एरर हो जाता है… इसमें सर्जिकल इंटरवेंशन की ज़रूरत होती है।”