उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
*मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भेजा ज्ञापन*
मांगें न मानी तो सड़कों पर उतरेंगे शिक्षक*
प्रधानाचार्यों की सीधी भर्ती प्रक्रिया को तत्काल निरस्त किए जाने तथा प्रधानाचार्यों सहित शिक्षकों के विभिन्न स्तरीय शत प्रतिशत पदों को, पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने की,दो सूत्रीय मांगों को लेकर शुक्रवार को, राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले जिले भर के आक्रोषित शिक्षक- शिक्षिकाएं भारी तादाद में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय नरेंद्रनगर पहुंचे।
प्रदेश संगठन के आव्हान एवं जिला संगठन के निर्देश पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार जिले के नौ विकासखंडों से शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सुबह से ही नरेंद्रनगर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर मैदान में पहुंचना प्रारंभ कर दिया था।
संगठन के निर्देश पर सामूहिक अवकाश पर रहते हुए शिक्षकों का भारी हुजूम नरेंद्र नगर पहुंचा। आंदोलनकारी शिक्षकों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन के माथे पर बल पड़ा तो पुलिस को तुरंत एक्शन में आना पड़ा,और मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से लेकर बाजार के मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया।जिला संगठन के संरक्षक लक्ष्मण सिंह रावत, जिला अध्यक्ष दिलवर सिंह रावत व जिला मंत्री बुद्धि प्रसाद भट्ट के दिशा निर्देशन में मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर मैदान में शिक्षकों का धरना/ प्रदर्शन शुरू हुआ।
इस दौरान आंदोलनकारी शिक्षकों ने शासन/प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अपने आक्रोश को प्रदर्शित किया।धरना पर बैठे शिक्षक-शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए संघ के जिला संरक्षक लक्ष्मण सिंह रावत ने आक्रोश भरे लहजे में कहा कि सरकार और विभाग प्रधानाचार्यों के पदों पर सीधी भर्ती के जरिए, शिक्षा की गुणवत्ता पर चोट पहुंचाने का काम कर रहे हैं, उन्होंने दलील देते हुए कहा कि जब विभाग में पहले से ही योग्य व कर्मठ शिक्षक सेवारत हैं, तो ऐसे में वरिष्ठता व योग्यता को ताक पर रखकर प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को सीधी भर्ती प्रक्रिया से क्यों भरा जा रहा है, कहा कि प्रधानाचार्यों के पद पदोन्नति से भरे जाएं। प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरने के औचित्य हीन प्रक्रिया पर उन्होंने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इससे कहीं ना कहीं, पदोन्नति की पारदर्शिता पर अनेकों सवाल और शंका खड़ी होनी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरा जाए।
संगठन के जिला अध्यक्ष दिलवर सिंह रावत ने कहा कि शिक्षक विगत कई वर्षों से विभिन्न संबर्ग के रिक्त पदों को को निरंतर प्रोन्नति से भरने की मांग करता आ रहा है, मगर सरकार व शिक्षा विभाग अभी भी गहरी नींद सोया पड़ा है। यही वजह है कि प्रदेश भर के शिक्षकों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग हठ धार्मिकता छोड़े और शिक्षकों की न्यायोचित मांगो का तुरंत निस्तारण करे।जिला मंत्री बुद्धि प्रसाद भट्ट ने कहा कि यदि शिक्षकों की दो सूत्री मांगों को ना माना गया तो शिक्षक सड़कों पर उतरेंगे और तब तक आंदोलन करेंगे जब तक समस्याओं का निदान नहीं होता।इस मौके पर संघ के मंडलीय संरक्षक रविंद्र सिंह राणा, मंडलीय अध्यक्ष शिव सिंह नेगी, श्रीमती आरती पंवार, सुनीता राणा, पूनम तिवारी,राखी राणा ने भी आंदोलनकारी शिक्षकों को संबोधित किया।
धरनना/प्रदर्शन में कार्यक्रम के व्यवस्थापक चंद्रदेव नौटियाल, शूरू जोशी, अलख नारायण दुबे, रामाश्रय सिंह,डॉ हेमंत पैन्यूली, यशपाल राणा, विजय गुसाईं ,धनवीर सिंह रमोला, सतीश बलूनी, दीपक बहुगुणा, जग रोशन शर्मा, लोकेंद्र रावत, रजनीश नौटियाल, संदीप मैथानी, राजेश सेमवाल, मीणा डोभाल, हेमंती गुसाईं ,शीशपाल भंडारी, संजय मंमगाई,श्रीमती लता जोशी, दाताराम, श्रीमती नीरा मिश्रा, मदन मोहन सेमवाल ,मंगल सिंह रावत व अरविंद कोठियाल आदि सहित भारी संख्या में जिले भर के शिक्षक- शिक्षिकाएं मौजूद थे।