उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
करोड़ों सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था के केंद्र बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल करोड़ों की आय और लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाले भारत के इन पवित्रतम मंदिरों का प्रबंधन बद्रीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति करती है जो कि राज्य सरकार द्वारा गठित और नियंत्रित होती है। इस बार एक सदस्य पर लग रहे गंभीर आरोपों के कारण मंदिर समिति ही विवादों में आ गयी है और सरकार ने जांच कराने के बजाय आरोपों से मुँह फेरा हुआ है ।
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में नामित सदस्य श्री के विरूद्ध मंदिर निधि की हानि एवं दुरूपयोग किये जाने के आरोपों की पुष्टि किये जाने की कार्यवाही के क्रम में पुलिस अधीक्षक, चमोली की जांच आख्या में उल्लिखित तथ्यों के आलोक में संस्कृति एवं धर्मस्व विभाग के स्तर से नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया है।इसको लेकर भैरव सेना सामाजिक संगठन ने भी आवाज उठाई, लेकिन सरकार ने गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया है।जबकि इस संबंध मैं सी०एम० हेल्पलाईन पोर्टल पर दर्ज की गयी शिकायत के आधार पर श्री के विरूद्ध मंदिर निधि की हानि एवं दुरूपयोग किये जाने के आरोपों की जांच पुलिस (गृह विभाग) द्वारा सम्पादित की गयी है एवं आरोपों की पुष्टि भी की गयी है। चूंकि जांच एवं आरोपों की पृष्टि पुलिस विभाग के स्तर पर की गयी है। अतःइस क्रम में गृह विभाग की विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने 12 अक्टूबर, 2023 को पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर प्रकरण की जांच के आदेश दिए। पुलिस मुख्यालय से इसकी जांच चम पुलिस को सौंपी गयी। पुलिस उपाधीक्षक के पर्यवेक्षण में संचालित जांच की रिपोर्ट चमोली के पुलिस अधीक्षक द्वारा फरवरी, 2024 में गढ़वाल पुलिस महानिरीक्षक को भेज दी गयी। उपरोक्त के क्रम में प्रश्नगत प्रकरण में जांचोपरान्त नियमानुसार दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा गया है।