उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
देहरादून :यूपीईएस ने भारतीय कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से REACH (रूरल ऑन्त्रप्रेन्योरशिप फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज) द्वारा आयोजित वार्षिक विरासत एवं लोक उत्सव ‘विरासत’ के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण भागीदारी के चलते, यूपीईएस के 16,000 से अधिक छात्र, फैकल्टी और स्टाफ, उच्च शिक्षारत युवाओं के बीच सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और प्रसार के लिए एकजुट होकर प्रयास करेंगे।यूनीवर्सटी के अत्याधुनिक एंफीथियेटर, मल्टी एक्टिविटी सेंटर (एमएसी), तथा कैम्पस की अन्य सुविधाओं को पूरे साल भर कला, शिल्प, संस्कृति और पर्यावरण पर केंद्रित आयोजनों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।इस भागीदारी के तहत् अन्य कई महत्वपूर्ण पहल भी की जाएंगी जिनमें सबसे उल्लेखनीय है ‘गेटवे टू हिमालयाज़’ प्रोग्राम। यह यूपीईएस तथा REACH के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जाने वाली ऐसी गतिविधि है जो युवाओं को हिमालयी क्षेत्र का साक्षात अनुभव कराने के साथ-साथ पर्वतराज हिमालय से जुड़ी चुनौतियों से भी उन्हें परिचित कराएगी। भारतीय सभ्यता के पालनहार के रूप में हिमालय का काफी सांस्कृतिक महत्व है और यह पहल भारत समेत वैश्विक पटल पर भी इस समृद्ध विरासत को प्रोत्साहित करेगी। सांस्कृतिक प्रोत्साहन के अलावा, यह कार्यक्रम युवाओं को कई बड़ी वैश्विक चुनौतियों, जिनमें जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, सामुदायिक मसले, वनाग्नि, और प्राकृतिक आपदाएं भी शामिल हैं, से भी अवगत कराएगा। ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर यूपीईएस का हिमालयन इंस्टीट्यूट फॉर लीडरशिप एंड लर्निंग (HILL) भी कार्यरत है। इन तमाम गहन अनुभवों के चलते, यह पहल अगली पीढ़ी को अधिक सजग एवं जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनाने में योगदान करेगी, जो हमारी दुनिया की जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।डॉ राम शर्मा, वाइस चांसलर, यूपीईएस ने इस पार्टनरशिप के बारे में कहा, “विरासत के साथ यह गठबंधन, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने की यूपीईएस की दृढ़ प्रतिबद्धता दर्शाता है। हमारा मानना है कि इस फेस्टिवल को समर्थन देकर हम न सिर्फ पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देंगे बल्कि अपने छात्रों तथा फैकल्टी को भी अपने देश के सांस्कृतिक परिदृश्य से जुड़ने तथा इसके लिए योगदान करने का अवसर दे रहे हैं।”आर के सिंह, एक्स-ईडी (एचआर) ओएनजीसी, तथा संस्थापक, REACH विरासत ने कहा, “यह समझौता ज्ञापन (MoU) भारतीय युवाओं के लिए संपूर्ण तथा मूल्य आधारित शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रेरित है। यूपीईएस तथा REACH के एकजुट होने से ऐसी कलात्मक और सौंदर्यपरक संवेदनाओं को संगम होगा जो देश के सांस्कृतिक परिदृश्य को और समृद्ध बनाएंगी। विरासत तो केवल शुरुआत है, मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में हम और भी कई उल्लेखनीय उपलब्धियों को साकार कर सकेंगे।”विरासत 15 दिवसीय फेस्टिवल है जो इस साल 15-29 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। अपनी स्थापना के बाद से, पिछले तीन दशकों में यह ग्रामीण कलाओं को गुमनामी और उपेक्षा के घने कोहरे से बाहर लाने वाली महत्वपूर्ण पहल साबित हुई है। फेस्टिवल ने कई शास्त्रीय एवं समकालीन कलाओं के विकास में इनके महत्व को प्रदर्शित करते हुए इन परंपराओं में नई जान डाली है। इसके विविध आकर्षणों में एक क्राफ्ट विलेज, क्यूज़िन स्टॉल्स, आर्ट फेयर, लोक संगीत के अलावा बॉलीवुड-शैली की प्रस्तुतियां, विरासत की सैर समेत और बहुत कुछ शामिल है।फेस्टिवल का प्रत्येक पहलू, जिसमें कला प्रदर्शनियां, संगीत प्रस्तुतियां, खानपान, और विरासत की सैर शामिल है, भारतीय धरोहर से जुड़े पारंपरिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करती हैं। पिछले वर्षों में, फेस्टिवल के मंच पर पं. भीमसेन जोशी, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पं. हरिप्रसाद चौरसिया, जगजीत सिंह, राजन एवं साजन मिश्रा, सुरेश वाडकर, तथा वडाली बंधुओं समेत अन्य कई दिग्गज कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियां आयोजित की जा चुकी हैं।