
*~ हिंदू पंचांग ~*

*दिनांक – 13 अक्टूबर 2024*
*दिन – रविवार*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत -1946*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद ॠत*
*मास – अश्विन*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – दशमी सुबह 09:08 तक एकादशी*
*नक्षत्र – धनिष्ठा 14 अक्टूबर रात्रि 02:51तक तत्पश्चात शतभिषा*
*योग – शूल रात्रि 09:26 तक तत्पश्चात गण्ड*
*राहुकाल – शाम 04:19 से शाम 05:44 तक*
*सूर्योदय -06:17*
*सूर्यास्त- 17:50*
*दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
*व्रत पर्व विवरण – पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी (स्मार्त),भरत-मिलाप,पंचक (आरंभ :दोपहर 03:44)*
*विशेष – रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
**
*पापांकुशा एकादशी*
*13 अक्टूबर 2024 रविवार को सुबह 09:08 से 14 अक्टूबर, सोमवार को सुबह 06:41 तक एकादशी है ।*
*विशेष – 13 अक्टूबर 2024 रविवार को पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी (स्मार्त) एवं 14 अक्टूबर, सोमवार को त्रिस्पृशा पापांकुशा-पाशांकुशा एकादशी (भागवत)*
*14 अक्टूबर, सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*
*पापांकुशा एकादशी का उपवास करने से कभी यम-यातना नहीं प्राप्त होती | यह पापों को हरनेवाला, स्वर्ग, मोक्ष, आरोग्य, सुंदर स्त्री, धन एवं मित्र देनेवाला व्रत है | इसका उपवास और रात्रि में जागरण माता, पिता व स्त्री के पक्ष की दस – दस पीढ़ियों का उद्धार कर देता है |*
*~ वैदिक पंचाग ~*
**
*आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो*
*15 अक्टूबर 2024 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।*
*किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :*
*ये मंत्र बोले :–*
*ॐ भौमाय नमः*
*ॐ मंगलाय नमः*
*ॐ भुजाय नमः*
*ॐ रुन्ह्र्ताय नमः*
*ॐ भूमिपुत्राय नमः*
*ॐ अंगारकाय नमः*
*और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-*
*धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |*
*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||*
*~ वैदिक पंचांग ~*
**
*कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत*
*त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ….इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –*
*मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्।* *जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।*
पंचक
अक्टूबर 13 अक्टूबर, रविवार 3:39 अपराह्न 17 अक्टूबर, गुरुवार 4:20 अपराह्न
नवंबर 09 नवंबर, शनिवार 11:23 अपराह्न 14 नवंबर, गुरुवार 3:11 पूर्वाह्न
एकादशी
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट पर होने जा रहा है।व्रत इसी दिन रहेगा
भौम प्रदोष व्रत 2024
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अक्टूबर को तड़के 3 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 16 अक्टूबर को 12 बजकर 19 एएम पर होगा. प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त को देखते हुए भौम प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर मंगलवार को रखा जाएगा.