उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
उत्तराखंड में भू-कानून लागू होने के बाद बाहरी लोगों के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन खरीदने पर रोक लग जाएगी। एक व्यक्ति ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने के बाद अपनी पत्नी के नाम से जमीन खरीदता है तो वह जमीन सरकार में निहित कर दी जाएगी।त्तराखंड में सख्त भू-कानून की जोर पकड़ रही है। भू-कानून कोh लेकर लोग आंदोलित हो रहे हैं। आगामी 24 अक्टूबर को भू कानून लागू करने की मांग को लेकर लेकर राजधानी में तांडव रैली का आयोजन भी होने जा रहा है। उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने की सीमा तय की गई है। राज्य के स्थाई निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई लिमिट नहीं है। भू-कानून को लेकर उत्तराखंड के लोग काफी समय से सक्रिय हैं।भू-कानून न होने के कारण अब तक मैदानी क्षेत्र से लेकर पहाड़ी जिलों तक बाहरी लोगों ने जमीन खरीद ली थी। इस कारण से आए दिन कोई न कोई बखेड़ा होता रहता है। इसी के मद्देनजर उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की ओर सरकार कदम बढ़ा रही है।सरकार के अनुसार बाहरी व्यक्ति प्रदेश में अब 250 वर्ग मीटर जमीन नहीं खरीद सकता है। अगर किसी व्यक्ति ने यदि ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने के बाद अपनी पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो उनके लिए दिक्कत हो सकती है। अब ऐसी जमीनों को सरकार में निहित किया जाएग।
अंधाधुंध बिक्री पर लगेगी रोक
भू-कानून लागू होने से प्रदेश में अंधाधुंध बिक रही जमीनों की बिक्री पर रोक लगेगी तो वहीं कृषि भूमि भी बचेगी। इस तरह से बाहरी लोगों के उत्तराखंड में बसने और दखलअंदाजी करने पर भी रोक लगाई जा सकेगी। इसके साथ ही अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर रोक लगाने में आसानी होगी।
‘निवेशकों को समस्या नहीं’
इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखंड के विकास और रोजगार के लिए उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को जमीन की कोई दिक्कत नहीं आएगी। यदि कोई व्यक्ति उद्योग लगाने के नाम पर जमीन लेता है लेकिन उसका उपयोग दूसरे प्रयोजन के लिए करता है तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।
डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा
उत्तराखंड में अन्य राज्यों के निवासियों को किसी भी तरह की जमीन खरीदने से पहले डीएम की अनुमति लेना जरूरी होगा। इस प्रक्रिया में खरीदार में पृष्ठभूमि की जांच भी की जाती है और यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि जमीन का प्रयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाएगा। इस परीक्षण का उद्देश्य राज्य में भूमि की अनियंत्रित खरीद और इसके गलत इस्तेमाल को रोकना आवास के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन का प्रावधान है जो निकाय क्षेत्रों को छोड़कर पूरे प्रदेश में लागू होगा। भू-कानून उत्तराखंड से बाहर के लोगों के लिए लागू होगा लेकिन प्रदेश के स्थायी निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई सीमा तय नहीं की गई है।विदित हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021 में भू-कानून पर शोध के लिए एक उच्च स्तरीय समूह समिति बनाई थी। समिति ने 80 पन्नों की रिपोर्ट में भू-कानून से जुड़े 23 सुझाव सरकार को दिए थे।रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड में सख्त भू-कानून की जोर पकड़ रही है। भू-कानून को लेकर लोग आंदोलित हो रहे हैं। आगामी 24 अक्टूबर को भू कानून लागू करने की मांग को लेकर लेकर राजधानी में तांडव रैली का आयोजन भी होने जा रहा है। उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने की सीमा तय की गई है। राज्य के स्थाई निवासी के लिए जमीन खरीदने की कोई लिमिट नहीं है। भू-कानून को लेकर उत्तराखंड के लोग काफी समय से सक्रिय हैं।
भू-कानून न होने के कारण अब तक मैदानी क्षेत्र से लेकर पहाड़ी जिलों तक बाहरी लोगों ने जमीन खरीद ली थी। इस कारण से आए दिन कोई न कोई बखेड़ा होता रहता है। इसी के मद्देनजर उत्तराखंड में भू-कानून लागू करने की ओर सरकार कदम बढ़ा रही है।सरकार के अनुसार बाहरी व्यक्ति प्रदेश में अब 250 वर्ग मीटर जमीन नहीं खरीद सकता है। अगर किसी व्यक्ति ने यदि ढाई सौ वर्ग मीटर जमीन खरीदने के बाद अपनी पत्नी के नाम से भी जमीन खरीदी है तो उनके लिए दिक्कत हो सकती है। अब ऐसी जमीनों को सरकार में निहित किया जाएगा।