🌞 *~ हिंदू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 02 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌥️ *अमांत – 17 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
🌥️ *राष्ट्रीय तिथि – 10 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – कार्तिक*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – प्रतिपदा रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा 03 नवम्बर प्रातः 05:58 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – आयुष्मान सुबह 11:19 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:18 से सुबह 10:39 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:32*
🌤️ *सूर्यास्त – 17:29*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा,(पूरा दिन शुभ मुहूर्त),गुजराती नूतन वर्ष वि•स• 2081 प्रारंभ बलि प्रतिपदा,अन्नकूट,गोवर्धन पूजा,गौक्रीडा*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *भाईदूईज* 🌷
➡️ *03 नवम्बर 2024 रविवार को भाईदूज है।*
🙏🏻 *भाईदूज के दिन भाई, बहेन के घर का ही खाना खाए। ऐसा करने से भाई की आयुवृद्धि होती है। पहला कौर बहेन के हाथ से खाएं। स्कंदपुराण के अनुसार इस दिन जो बहिन के हाथ से भोजन करता है, वह धन एवं उत्तम सम्पदा को प्राप्त होता है। अगर बहेन न हो तो मुँहबोली बहिन या मौसी/मामा की पुत्री को बहेन मान ले। अगर वह भी न हो तो किसी गाय अथवा नदी को ही बहेन बना ले और उसके पास भोजन करे। कहने का आश्रय यह है की यमद्वितीया को कभी भी अपने घर भोजन न करे।*
🙏🏻 *आज के दिन बहेन अपने भाई की 3 बार आरती जरूर उतारे।*
🙏🏻 *आज के दिन बहेन भाई को तथा भाई बहेन को कोई न कोई उपहार जरूर दे स्कंदपुराण के अनुसार विशेषतः वस्त्र तथा आभूषण। आज के दिन भाई बहेन का यमुना जी में नहाना भी बहुत शुभ है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना जी में स्नान करने वाला पुरुष यमलोक का दर्शन नहीं करता।*
➡ *नारदपुराण के अनुसार*
🌷 *ऊर्ज्जशुक्लद्वितीयायां यमो यमुनया पुरा ।।*
*भोजितः स्वगृहे तेन द्वितीयैषा यमाह्वया ।।*
*पुष्टिप्रवर्द्धनं चात्र भगिन्या भोजनं गृहे ।।*
*वस्त्रालंकारपूर्वं तु तस्मै देयमतः परम् ।।*
*यस्यां तिथौ यमुनया यमराजदेवः संभोजितो निजकरात्स्वसृसौहृदेन ।।*
*तस्यां स्वसुः करतलादिह यो भुनक्ति प्राप्नोति रत्नधनधान्यमनुत्तमं सः ।।*
👉🏻 *कार्तिक शुक्ल द्वितीया को पूर्वकाल में यमुनाजी ने यमराज को अपने घर भोजन कराया था, इसलिए यह ‘यमद्वितीया’ कहलाती है। इसमें बहेन के घर भोजन करना पुष्टिवर्धक बताया गया है। अतः बहेन को उस दिन वस्त्र और आभूषण देने चाहिए। उस तिथि को जो बहेन के हाथ से इस लोक में भोजन करता है, वह सर्वोत्तम रत्न, धन और धान्य पाता है ।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *भाईदूईज* 🌷
🙏🏻 *यह पर्व भाई-बहेन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन बहेन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है। इस पर्व का महत्व इस प्रकार है-*
🙏🏻 *धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। तब यमराज ने प्रसन्न होकर उसे यह वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। सूर्य की पुत्री यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा है।*
🙏🏻 *उनके भाई मृत्यु के देवता यमराज हैं। यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करने और यमुना और यमराज की पूजा करने का बड़ा माहात्म्य माना जाता है। इस दिन बहेन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करती है। स्कंद पुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज को प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल मिलता है। धन-धान्य, यश एवं दीर्घायु की प्राप्ति होती है।*
🌷 *भाई की उम्र बढ़ानी है तो करें यमराज से प्रार्थना*
*सबसे पहले बहेन-भाई दोनों मिलकर यम, चित्रगुप्त और यम के दूतों की पूजा करें तथा सबको अर्घ्य दें। बहेन भाई की आयु-वृद्धि के लिए यम की प्रतिमा का पूजन करें। प्रार्थना करें कि मार्कण्डेय, हनुमान, बलि, परशुराम, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य तथा अश्वत्थामा इन आठ चिरंजीवियों की तरह मेरे भाई को भी चिरंजीवी कर दें।*
🙏🏻 *इसके बाद बहेन भाई को भोजन कराती हैं। भोजन के बाद भाई को तिलक लगाती है। इसके बाद भाई यथाशक्ति बहन को भेंट देता है। जिसमें स्वर्ण,आभूषण, वस्त्र आदि प्रमुखता से दिए जाते हैं। लोगों में ऐसा विश्वास भी प्रचलित है कि इस दिन बहेन अपने हाथ से भाई को भोजन कराए तो उसकी उम्र बढ़ती है और उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं।*