उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 1956 में वाराणसी में छात्रों से कहा था कि शिक्षा शेरनी का दूध है जिसे जो पियेगा वह दहाड़ेगा। उनका मानना था कि शिक्षा ही गरीब-वंचित समाज को आगे बढ़ाने का एकमात्र ज़रिया है और जिस परिवार में शिक्षा होगी वहां कभी अंधेरा नहीं होगा। दरअसल, मंगलवार को संविधान दिवस मनाया गया था।