उत्तराखंड डेली न्यूज़:ब्योरो
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ‘क्या सूर्योदय से पहले सूर्यार्घ्य दिया जा सकता है’ सवाल के जवाब में बताया है कि सूर्योदय से पहले भी सूर्य का ध्यान करते हुए उन्हें जल चढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “भगवान का चित्र या उनकी मूर्ति हमारे सामने ना हो… तो क्या भगवान नहीं है?… वह तो सर्वव्यापक हैं… वह हमारे सामने हर समय हैं।”