
*~ हिंदू पंचांग ~*

*दिनांक – 31 दिसम्बर 2024*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत – 2081*
*शक संवत -1946*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शिशिर ॠतु*
*अमांत – 16 गते पौष मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 10 पौष मास*
*मास – पौष*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – प्रतिपदा 01 जनवरी रात्रि 03:21 तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र – पूर्वाषाढा रात्रि 12:03 तक उत्तराषाढा*
*योग – ध्रुव शाम 06:59 तक तत्पश्चात व्याघात*
*राहुकाल – शाम 02:52 से शाम 04:07 तक*
*सूर्योदय – 07:13*
*सूर्यास्त – 05:28*
*दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
*व्रत पर्व विवरण –
*विशेष- प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*वास्तु शास्त्र*
*वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ये प्रगति के अवसरों को कम करता है। इसलिए, पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए। जिससे नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे।*
*अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।*
*वास्तु अनुरुप कहां लगाएं कैलेंडर*
*कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। हिंसक जानवरों, दुःखी चेहरों की तस्वीरोंवाला ना हो। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है।*
*पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसर- पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं , जो लीडरशिप के देवता हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज पर उगते सूरज, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।*
*उत्तर दिशा में कैलेंडर बढ़ाता है सुख-समृद्धि- उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली,फव्वारा, नदी,समुद्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो।*
*पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं रुके हुए कई कार्य- पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।*
*कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में- घड़ी और कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण ठहराव की दिशा है। यहां समय सूचक वस्तुओं को ना रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।*
*मुख्य दरवाजे से नजर आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं- मुख्य दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं । जो कि अच्छा नहीं माना जाता है।*
*विशेष : अगर कैलेंडर में संतों महापुरुषों तथा भगवान के श्रीचित्र लगे हों,तो ये और अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है |*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*भक्ति बढाने हेतु*
*जिसको अपनी भक्ति बढानी है …. भगवद्गीता का १२वाँ अध्याय पढ़के, भगवद्गीता हाथ में ही रखकर भगवान को प्रार्थना करे: “हे भगवान! भगवद्गीता का १२वाँ अध्याय भक्तियोग नामक अध्याय है। जिसका मैंने आज पाठ किया है। ऐसी कृपा करना प्रभु कि मेरी भक्ति बढ़ जाये। बस मेरी भक्ति बढ़ जाये दाता !! ” दिल से प्रार्थना करोगे न तो सचमुच भगवान के वचन गीता में हैं। और १२वें अध्याय को भक्तियोग नामक अध्याय कहते हैं। वो पाठ करके प्रार्थना की तो भगवान की, गुरु की कृपा क्यों नहीं बरसेगी!! भक्ति बढ़ेगी और वो ही भक्ति सब सुखों की खान है।