उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 90 घंटे/हफ्ता काम करने से स्ट्रेस लेवल बहुत बढ़ जाता है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। एक कार्डियक सर्जन ने कहा, “इससे स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ता है जो बीपी और हार्ट रेट को बढ़ा सकता है… हृदय रोग का जोखिम अधिक होता है। लगातार कोर्टिसोल बढ़े रहने से इंसुलिन रेसिस्टेंस भी होता है।”