*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 13 जनवरी 2025*
*⛅दिन – सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌥️ अमांत – 30 गते पौष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 23 पौष मास*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्दशी प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात पूर्णिमा प्रातः 03:56 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र – आर्द्रा प्रातः 10:38 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग – वैधृति प्रातः 04:39 जनवरी 14 तक, तत्पश्चात विषकम्भ*
*⛅राहु काल – प्रातः 08:35 से प्रातः 09:52 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:14*
*⛅सूर्यास्त – 05:39*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:27 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 जनवरी 14 से रात्रि 01:15 जनवरी 14 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – पौषी पूर्णिमा, लोहड़ी*
*⛅विशेष – पूर्णिमा को स्त्री सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹दरिद्रा देवी कहाँ निवास करती है ?🔹*
*🔸समुद्र-मंथन करने पर लक्ष्मीजी की बड़ी बहन दरिद्रा देवी प्रकट हुई । वे लाल वस्त्र पहने हुए थी । उन्होंने देवताओं से पूछा : “मेरे लिए क्या आज्ञा हैं ?”*
*🔸तब देवताओं ने कहा : “जिनके घर में प्रतिदिन कलह होता हो उन्हीं के यहाँ हम तुम्हें रहने के लिए स्थान देते हैं । तुम अमंगल को साथ लेकर उन्हीं घरों में जा बसों । जहाँ कठोर भाषण किया जाता हो, जहाँ के रहनेवाले सदा झूठ बोलते हों तथा जो मलिन अंत:करणवाले पापी संध्या के समय सोते हों, उन्हींके घर में दुःख और दरिद्रता प्रदान करती हुई तुम नित्य निवास करो । महादेवी ! जो खोटी बुद्धिवाला मनुष्य पैर धोये बिना ही आचमन करता है, उस पापपरायण मानव की ही तुम सेवा करो अर्थात उसे दुःख-दरिद्रता प्रदान करो ।” ( पुद्मपुराण, उत्तर खंड, अध्याय २३२)*
*(हमारा आचार-व्यवहार व रहन-सहन कैसा हो यह जानने हेतु पढ़ें आश्रम से प्रकाशित सत्साहित्य ‘मधुर व्यवहार’ व ‘क्या करें , क्या न करे ?”)*
*🔹शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता लाने हेतु🔹*
*🔸सोते समय सिरहाने के पास किसी सफेद कागज में थोड़ा-सा कपूर रखें और प्रात: उसे घर से बाहर जला दें । इससे घर में शांति के साथ आर्थिक सम्पन्नता आती है ।*
*🔹याद न रहने के मूल कारण क्या ?*🔹
*१] मनोयोग का अभाव*
*२] रूचि का अभाव*
*३] एकाग्रता का अभाव*
*४] संयम का अभाव*
*नहीं तो बहुत कुछ याद रह सकता है । इसमें कोई जादूगरी नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हैं । स्मृतिकेंद्र को विकसित करनेवाला मंत्र ले लिया, ज्ञानतंतुओं को शुद्ध करनेवाला ‘ॐ गं गणपतये नम: …. ॐ गं गणपतये नम: ….’ जप करके थोडा ध्यान किया तो यह स्मृतिशक्ति बढ़ाना आदि या परीक्षा में अच्छे अंक लाना – यह कोई बड़ी बात नही हैं ।*