उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
अखाड़ों में महामंडलेश्वर बनने से पहले शख्स को संन्यास की दीक्षा लेनी होती है, अपना पिंडदान करना होता है और इसके बाद पट्टाभिषेक होता है। महामंडलेश्वर को नया नाम दिया जाता है और अखाड़े के अधिकार व ज़िम्मेदारियां सौंपी जाती हैं। उनका काम सनातन धर्म का प्रचार, ज्ञान का प्रकाश फैलाना और लोगों को मानवता की सही राह दिखाना है।