उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
महाकुंभ में अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का जन्म प्रतापगढ़ (यूपी) में 1969 में हुआ था और उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से शास्त्री व आचार्य की शिक्षा ग्रहण की है। उनका मूल नाम उमाशंकर है। 2003 में दंड संन्यास की दीक्षा लेने वाले अविमुक्तेश्वरानंद के गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता सेनानी थे।