
*~ आज का हिन्दू पंचांग ~
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*दिनांक – 11 फरवरी 2025*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत् – 2081*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*अमांत -29 गते माघ मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि -22 माघ मास*
*मास – माघ*
*पक्ष – शुक्ल*
*तिथि – चतुर्दशी शाम 06:55 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र – पुष्य शाम 06:34 तक, तत्पश्चात अश्लेशा*
*योग – आयुष्मान प्रातः 09:06 तक, तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहु काल – दोपहर 03:15 से शाम 04:37 तक*
*सूर्योदय – 07:01*
*सूर्यास्त – 06:03*
*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:33 से 06:24 तक*
*अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक*
*निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:28 फरवरी 12 से रात्रि 01:19 फरवरी 12 तक*
*व्रत पर्व विवरण – सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 06:34 से प्रातः 07:14 फरवरी 12 तक)*
*विशेष – चतुर्दशी को तिल का तेल खाना व लगाना एवं स्त्री सहवास निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*कीर्तन में ताली क्यों ?
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*आप जब भगवन्नाम-कीर्तन करते हैं तो ताली बजाते हैं । ताली बजाने से क्या लाभ होता है आपको पता है ?*
*आँख का मोतिया तक दूर हो सकता है ।*
*ताली बजाकर भगवन्नाम जपने से स्मरणशक्ति में तो थोड़ा बहुत लाभ होता है परंतु अनजाने में एक्यूप्रेशर का भी फायदा हो जाता है ।*
*आपके सिर, हाथ, पैर में शरीर की नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं । जैसे घर में कई जगह बिजली से चलनेवाले उपकरण होते हैं और स्विचबोर्ड १-२ जगह पर होते हैं, ऐसे ही तुम्हारी नाभि से लेकर कंधे तक ७२,००० नाड़ियाँ हैं; तुम्हारे पैरों के तलवों और हाथों में इन नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं ।*
*मानो किसीको सिरदर्द है तो एक्यूप्रेशर केन्द्र (Acupressure point) फलाना-फलाना दबाओ तो थोड़ी देर में सिरदर्द ठीक हो जाना चाहिए । ऐसे ही अलग-अलग तकलीफों के लिए अलग-अलग बिंदु हैं किंतु उनका पता नहीं है तो थोक में ताली बजाओ तो फायदा होगा ।*
*है हमारे भारत की विद्या लेकिन अब चीन से वह नाम बदलकर प्रचारित हो के आयी है तो अब यहाँ के डॉक्टर उसको बोलते हैं: “वंडरफुल! एक्यूप्रेशर इज वेरी गुड सिस्टम ।” परंतु है भारत की । ‘आयोलाल, झूलेलाल, झूले-झूले-झूले झूलेलाल…. गाते और ताली बजाते हैं तो एक्यूप्रेशर हो रहा है, और क्या हो रहा है! अम्बाजी के आगे गरबा नृत्य कर रहे हैं यह क्या हो रहा है ? शरीर की तंदुरुस्ती, मन की प्रसन्नता और बुद्धि में भगवती के प्रति भाव प्रतिष्ठित हो रहे है । पाश्चात्य कल्चरवाले क्लबों में जाते हैं, डिस्को करते हैं, शराब पीते हैं और फिर ठुस्स हो जाते हैं । इससे तो भगवन्नाम जप के महान आत्मा बनना अच्छा है ।*
*एक साथ मिलकर प्रभु-वंदन और संकीर्तन करने से एक स्वर से उठी हुई तुमुल ध्वनियों वातावरण में पवित्र लहरें ऊत्पन्न करने में समर्थ होती है तथा उस समय मन ध्वनि पर एकाग्र होता है, जिससे स्मरणशक्ति तथा श्रवणशक्ति विकसित होती है ।*
*प्रेमपूर्वक ताली बजाना है विशेष लाभकारी
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*जिनको कम अक्ल होती है वे ताली तेजी से (जोर से) बजाते हैं । जितनी तेजी से ताली बजाते हो उतनी ही ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है । मूर्ख होते हैं वे, जो ज्यादा शक्ति खर्च करते हैं । प्रेम से ताली बजाते हुए ‘हरि ॐ, हरि ॐ होंठों में बोलो । हरिनाम लेकर ताली बजाने से हाथ के सभी रक्तकण पवित्र होते हैं । हरिनाम सुनने से कान पवित्र होते हैं । हरि को प्रेम करने से मनुष्य परमात्मा को प्राप्त होता है ।*
*श्री रामकृष्ण परमहंस ने कहा है: “ताली बजाकर प्रातःकाल और सायंकाल हरिनाम भजा करो । ऐसा करने से सब पाप दूर हो जायेंगे । जैसे पेड़ के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से पेड़ पर की सब चिड़ियाँ उड़ जाती हैं, वैसे ही ताली बजा के हरिनाम लेने से देहरूपी वृक्ष से सब अविद्यारूपी चिड़ियाँ उड़ जाती हैं । कलियुग में भगवन्नाम के समान दूसरा सरल साधन नहीं है । भगवन्नाम लेने से मनुष्य के मन और शरीर दोनों शुद्ध हो जाते हैं ।”*