
उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो
देहरादून:हर साल होली के पांचवें दिन देहरादून में ऐतिहासिक झंडा मेले का आयोजन होता है. यह मेला प्रेम, भाईचारा और सद्भावना का प्रतीक माना जाता है. इस बार भी प्रसिद्ध झंडा जी मेले में झंडा साहिब को दर्शनी गिलाफ से सजा कर आरोहण किया गया। इस साल झंडा जी का 349 वां समागम चल रहा है, आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए दरबार साहिब में जनसैलाब उमड़ पड़ा. लाखों संगत और दून वासियों ने झंडे जी के सामने श्रद्धा के साथ शीश नवाए.पंजाब के नवा शहर के पाल परिवार ने चढ़ाया दर्शनी गिलाफ:बता दें कि देहरादून में झंडा जी महोत्सव 2025 के तहत श्री दरबार साहिब गुरु राम राय जी महाराज में बुधवार यानी 19 मार्च को 90 फीट उंचे झंडा जी साहिब पर दर्शनी गिलाफ पहनाकर आरोहण किया गया. इस दौरान गुरु राम राय जी महाराज और श्री महंत देवेंद्र दास महाराज के जयकारे लगाए गए. इस बार पंजाब के पाल परिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला. पाल परिवार की यह मनोकामना 29 सालों बाद पूरी हुई।ऐतिहासिक झंडा जी मेले पर खास वीडियो शाम 4 बजकर 19 मिनट पर हुआ झंडे जी का आरोहण:दोपहर करीब 1 बजे दर्शनी गिलाफ के साथ झंडे जी के आरोहण का अनुष्ठान शुरू हुआ, जो शाम चार बजे तक पूरा हुआ. जैसे ही दरबार साहिब देहरादून के सज्जादे गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज ने आरोहण की प्रक्रिया शुरू करने का संदेश दिया, वैसे ही पूरा परिसर श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठा. शाम 4 बजकर 19 मिनट पर झंडे जी का आरोहण पूरा हुआ,दरबार साहिब गुरुद्वारे में झंडा जी मेला सुबह 7 बजे से शुरू हुई विशेष पूजा अर्चना: इसके साथ ही देहरादून के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत झंडे जी मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया. झंडे जी के आरोहण को लेकर सुबह 7 बजे से ही विशेष पूजा अर्चना शुरू हो गई थी। जिसके तहत सुबह 8ः30 बजे झंडे जी को उतारा गया और पूजा अर्चना की गई. इसके बाद झंडे जी (पवित्र ध्वज दंड) को संगतों ने दूध, घी, शहद, गंगाजल और पंचगब्यों से स्नान करवाया.एक पल के लिए भी जमीन पर नहीं रखा जाता झंडा जी:90 फीट ऊंचे झंडे जी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई. खास बात ये है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान झंडे जी को एक पल के लिए भी जमीन पर नहीं रखा जाता. संगतें अपने हाथों पर झंडे जी को थामे रहते हैं। दोपहर करीब 1ः30 बजे झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई. यह दृश्य देख संगतों और दूनवासियों के श्रद्धाभाव आंखों से छलक आए.
श्री झंडे जी पर चढ़ाए जाते हैं तीन गिलाफ दर्शनी गिलाफ को छूने के लिए उत्सुक दिखा हर कोई:हर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा. शाम 4 बजकर 10 मिनट पर नए मखमली वस्त्र और सुनहरे गोटों से सुसज्जित झंडे जी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई. श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज के दिशा-निर्देशन में झंडे जी के नीचे लगी लकड़ी की कैंचियों को थामे श्रद्धालुजन झंडे जी को उठाया, इसके बाद शाम 4 बजकर 19 मिनट पर झंडे जी का आरोहण हुआ.बाज ने की झंडे जी की परिक्रमा:दरबार साहिब परिसर और पूरा इलाका श्री गुरु राम राय जी महाराज के जयकारों से गूंज उठा. इसी दौरान एक बाज ने झंडे जी की परिक्रमा भी की. झंडे जी के आरोहण के समय बाज की इस चमत्कारी उपस्थिति को श्री गुरु राम राय जी महाराज की सूक्ष्म उपस्थिति के रूप में हर साल दर्ज किया जाता है. इसके साथ ही खुशियों में सराबोर संगतें और दूनवासी झूमने लगे।दरबार साहिब गुरुद्वारे में झंडे का आरोहण साल 1996 में दर्शनी गिलाफ के लिए लिखवाया था नाम, आज पूरी हुई मनोकामना:इस बार झंडा जी साहिब के आरोहण में दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की मनोकामना पंजाब नवा शहर के पाल परिवार की पूरी हुई. इस मौके पर राजेंद्र पाल सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि उनके परिवार ने साल 1996 में दर्शनी गिलाफ के लिए नाम लिखवाया था। करीब 29 साल बाद झंडा जी साहिब को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की उनके परिवार की मनोकामना पूरी हुई है.उन्होने बताया कि इस मौके पर उनका पूरा कुटुंब मौजूद है. यह उनके घर परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए बेहद मान्यता रखने वाला पल है. उन्होंने कहा कि उन्होंने आज के दिन के लिए दरबार साहिब से मन्नत मांगी थी, जो अब पूरी हुई है, वो हर साल यहां आते हैं।